Kaamdhenu Gau Seva Samiti

Kaamdhenu Gau Seva Samiti आओ मिलकर जीवन में थोड़ा पुण्य कमाते हैं मिलकर सभी गौ माता की सेवा करते..
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रामायण की चौपाई  मे वर्णित है,भूकम्प कि सम्भावनाएं क्यो हो जाती है -भूकम्प कहे गाय की गाथा,कापे धरा त्रास अति जाता ।जा द...
24/02/2023

रामायण की चौपाई मे वर्णित है,भूकम्प कि सम्भावनाएं क्यो हो जाती है -

भूकम्प कहे गाय की गाथा,
कापे धरा त्रास अति जाता ।
जा दिन धरा धेनु ना होई,
रसा रसातल ता छन तोई ।।

भूकम्प गाय की गाथा ही गा रहा है,जब गौ माता को त्रास होता है तब ही पृथ्वी कापती है जिस दिन धेनु पृथ्वी पर नही रहेगी,उसी क्षण पृथ्वी रसातल की ओर चली जायेगी।

30/12/2022

गाय से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी ।

1. गौ माता जिस जगह खड़ी रहकर आनंदपूर्वक चैन की सांस लेती है । वहां वास्तु दोष समाप्त हो जाते हैं ।

2. जिस जगह गौ माता खुशी से रभांने लगे उस जगह देवी देवता पुष्प वर्षा करते हैं ।

3. गौ माता के गले में घंटी जरूर बांधे ; गाय के गले में बंधी घंटी बजने से गौ आरती होती है ।

4. जो व्यक्ति गौ माता की सेवा पूजा करता है उस पर आने वाली सभी प्रकार की विपदाओं को गौ माता हर लेती है ।

5. गौ माता के खुर्र में नागदेवता का वास होता है । जहां गौ माता विचरण करती है उस जगह सांप बिच्छू नहीं आते ।

6. गौ माता के गोबर में लक्ष्मी जी का वास होता है ।

7. गौ माता कि एक आंख में सुर्य व दूसरी आंख में चन्द्र देव का वास होता है ।

8. गौ माता के दुध मे सुवर्ण तत्व पाया जाता है जो रोगों की क्षमता को कम करता है।

9. गौ माता की पूंछ में हनुमानजी का वास होता है । किसी व्यक्ति को बुरी नजर हो जाये तो गौ माता की पूंछ से झाड़ा लगाने से नजर उतर जाती है ।

10. गौ माता की पीठ पर एक उभरा हुआ कुबड़ होता है , उस कुबड़ में सूर्य केतु नाड़ी होती है । रोजाना सुबह आधा घंटा गौ माता की कुबड़ में हाथ फेरने से रोगों का नाश होता है ।

11. एक गौ माता को चारा खिलाने से तैंतीस कोटी देवी देवताओं को भोग लग जाता है ।

12. गौ माता के दूध घी मख्खन दही गोबर गोमुत्र से बने पंचगव्य हजारों रोगों की दवा है । इसके सेवन से असाध्य रोग मिट जाते हैं ।

13. जिस व्यक्ति के भाग्य की रेखा सोई हुई हो तो वो व्यक्ति अपनी हथेली में गुड़ को रखकर गौ माता को जीभ से चटाये गौ माता की जीभ हथेली पर रखे गुड़ को चाटने से व्यक्ति की सोई हुई भाग्य रेखा खुल जाती है ।

14. गौ माता के चारो चरणों के बीच से निकल कर परिक्रमा करने से इंसान भय मुक्त हो जाता है ।

15. गौ माता के गर्भ से ही महान विद्वान धर्म रक्षक गौ कर्ण जी महाराज पैदा हुए थे।

16. गौ माता की सेवा के लिए ही इस धरा पर देवी देवताओं ने अवतार लिये हैं ।

17. जब गौ माता बछड़े को जन्म देती तब पहला दूध बांझ स्त्री को पिलाने से उनका बांझपन मिट जाता है ।

18. स्वस्थ गौ माता का गौ मूत्र को रोजाना दो तोला सात पट कपड़े में छानकर सेवन करने से सारे रोग मिट जाते हैं ।

19. गौ माता वात्सल्य भरी निगाहों से जिसे भी देखती है उनके ऊपर गौकृपा हो जाती है ।
20. काली गाय की पूजा करने से नौ ग्रह शांत रहते हैं । जो ध्यानपूर्वक धर्म के साथ गौ पूजन करता है उनको शत्रु दोषों से छुटकारा मिलता है ।

21. गाय एक चलता फिरता मंदिर है । हमारे सनातन धर्म में तैंतीस कोटि देवी देवता है ,
हम रोजाना तैंतीस कोटि देवी देवताओं के मंदिर जा कर उनके दर्शन नहीं कर सकते पर गौ माता के दर्शन से सभी देवी देवताओं के दर्शन हो जाते हैं ।

22. कोई भी शुभ कार्य अटका हुआ हो बार बार प्रयत्न करने पर भी सफल नहीं हो रहा हो तो गौ माता के कान में कहिये रूका हुआ काम बन जायेगा !

23. गौ माता सर्व सुखों की दातार है ।

हे मां आप अनंत ! आपके गुण अनंत ! इतना मुझमें सामर्थ्य नहीं कि मैं आपके गुणों का बखान कर सकूं ।

जय गाय माता की
जय श्री कृष्णा

30/12/2022
मैं सांड़ हूं, लोग कहते हैं कि मैं तुम्हारी फसल उजाड़ रहा हूँ, सड़कों पर कब्जा कर रहा हूँ, मैं तुम मनुष्यों से पूंछता हूँ क...
14/09/2022

मैं सांड़ हूं,

लोग कहते हैं कि मैं तुम्हारी फसल उजाड़ रहा हूँ, सड़कों पर कब्जा कर रहा हूँ, मैं तुम मनुष्यों से पूंछता हूँ कि कितने कम समय में मैं इतना अराजक हो गया, मैं तो हजारो वर्षों से तुम्हारे पूर्वजों की सेवा करता आया हूं ! मैं मनुष्यों का दुश्मन कैसे बन गया ।
अभी कुछ सालों पहले तो लोग मुझे पालते थे, चारा देते थे, लेकिन मनुष्य ज्यादा सभ्य हो गया, ट्रैक्टर ले आया, पम्पिंग सेट से पानी निकालने लगा और मुझे खुला छोड़ दिया, मैं कहाँ जाता ? कहाँ चरता ? मनुष्य ने चरागाहों पर कब्जा कर लिया, अब पापी पेट का सवाल है, अपने पेट के लिए अपने मित्र मनुष्य से संघर्ष शुरू हो गया।
यहां तक कि कुछ लोगों ने अपना पेट भरने के लिए मुझे काटना भी शुरू कर दिया। मैं फिर भी चुप रहा, चलो किसी काम तो आया तुम्हारे । मेरी माँ ने मेरे हिस्से का दूध देकर तुम्हे और तुम्हारे बच्चों को पाला लेकिन अब तो तुमने उसे भी खुला छोड़ दिया ।
इधर, पिछले सालों से कई मनुष्य मित्रों ने मुझे कटने से बचाने के लिए अभियान चलाया, लेकिन जब मैं अपना पेट भरने गलती से उनकी फसल खा गया तो वही मित्र मुझे बर्बादी का कारण बताने लगे, शायद अब यही चाहते हैं कि मैं काट ही दिया जाता।
मित्र बस इतना कहना चाहता हूं कि मैं तुम्हारी जीवन भर सेवा करूंगा, तुम्हारे घर के सामने बंधा रहूँगा, थोड़े से चारे के बदले तुम्हारे खेत जोत दूंगा, रहट से पानी निकाल दूंगा, गाड़ी से सामान ढो दूंगा, बस मुझे अपना लो
लेकिन क्या मेरे इस निवेदन का तुम पर कोई असर होगा ?
अरे तुम लोग तो अपने लाचार मां बाप को भी घर से बाहर निकाल देते हो, फिर मेरी क्या औकात..??
गो वंश की रक्षा के लिए हमारे पूर्वजों ने बछ बारस मनाने की परंपरा शुरू की थी, इसे गौवत्स द्वादशी भी कहते हैं- बछ बारस, भाद्रपदं महीने की कृष्ण पक्ष की द्वादशी को मनाई जाती है।
बछ यानि बछड़ा गाय के छोटे बच्चे को कहते हैं । इस दिन को मनाने का उद्देश्य गाय व बछड़े का महत्व समझाना है। यह दिन गोवत्स द्वादशी के नाम से भी जाना जाता है। गोवत्स का मतलब भी गाय का बच्चा ही होता है। बछ बारस का यह दिन कृष्ण जन्माष्टमी के चार दिन बाद आता है । कृष्ण भगवान को गाय व बछड़ा बहुत प्रिय थे,, गाय में सैकड़ों देवताओं का वास माना जाता है। गाय व बछड़े की पूजा करने से कृष्ण भगवान का गाय में निवास करने वाले देवताओं का और गाय का आशीर्वाद मिलता है जिससे परिवार में खुशहाली बनी रहती है, ऐसा माना जाता है।
शास्त्रों के अनुसार इस दिन गाय की सेवा करने से, उसे हरा चारा खिलाने से परिवार में महालक्ष्मी की कृपा बनी रहती है तथा परिवार में अकालमृत्यु की आशंकाएं समाप्त होती

लोग कहते हैं कि मैं तुम्हारी फसल उजाड़ रहा हूँ, सड़कों पर कब्जा कर रहा हूँ, मैं तुम मनुष्यों से पूंछता हूँ कि कितने कम समय में मैं इतना अराजक हो गया, मैं तो हजारो वर्षों से तुम्हारे पूर्वजों की सेवा करता आया हूं ! मैं मनुष्यों का दुश्मन कैसे बन गया ।
अभी कुछ सालों पहले तो लोग मुझे पालते थे, चारा देते थे, लेकिन मनुष्य ज्यादा सभ्य हो गया, ट्रैक्टर ले आया, पम्पिंग सेट से पानी निकालने लगा और मुझे खुला छोड़ दिया, मैं कहाँ जाता ? कहाँ चरता ? मनुष्य ने चरागाहों पर कब्जा कर लिया, अब पापी पेट का सवाल है, अपने पेट के लिए अपने मित्र मनुष्य से संघर्ष शुरू हो गया।
यहां तक कि कुछ लोगों ने अपना पेट भरने के लिए मुझे काटना भी शुरू कर दिया। मैं फिर भी चुप रहा, चलो किसी काम तो आया तुम्हारे । मेरी माँ ने मेरे हिस्से का दूध देकर तुम्हे और तुम्हारे बच्चों को पाला लेकिन अब तो तुमने उसे भी खुला छोड़ दिया ।
इधर, पिछले सालों से कई मनुष्य मित्रों ने मुझे कटने से बचाने के लिए अभियान चलाया, लेकिन जब मैं अपना पेट भरने गलती से उनकी फसल खा गया तो वही मित्र मुझे बर्बादी का कारण बताने लगे, शायद अब यही चाहते हैं कि मैं काट ही दिया जाता।
मित्र बस इतना कहना चाहता हूं कि मैं तुम्हारी जीवन भर सेवा करूंगा, तुम्हारे घर के सामने बंधा रहूँगा, थोड़े से चारे के बदले तुम्हारे खेत जोत दूंगा, रहट से पानी निकाल दूंगा, गाड़ी से सामान ढो दूंगा, बस मुझे अपना लो
लेकिन क्या मेरे इस निवेदन का तुम पर कोई असर होगा ?
अरे तुम लोग तो अपने लाचार मां बाप को भी घर से बाहर निकाल देते हो, फिर मेरी क्या औकात..??
गो वंश की रक्षा के लिए हमारे पूर्वजों ने बछ बारस मनाने की परंपरा शुरू की थी, इसे गौवत्स द्वादशी भी कहते हैं- बछ बारस, भाद्रपदं महीने की कृष्ण पक्ष की द्वादशी को मनाई जाती है।
बछ यानि बछड़ा गाय के छोटे बच्चे को कहते हैं । इस दिन को मनाने का उद्देश्य गाय व बछड़े का महत्व समझाना है। यह दिन गोवत्स द्वादशी के नाम से भी जाना जाता है। गोवत्स का मतलब भी गाय का बच्चा ही होता है। बछ बारस का यह दिन कृष्ण जन्माष्टमी के चार दिन बाद आता है । कृष्ण भगवान को गाय व बछड़ा बहुत प्रिय थे,, गाय में सैकड़ों देवताओं का वास माना जाता है। गाय व बछड़े की पूजा करने से कृष्ण भगवान का गाय में निवास करने वाले देवताओं का और गाय का आशीर्वाद मिलता है जिससे परिवार में खुशहाली बनी रहती है, ऐसा माना जाता है।
शास्त्रों के अनुसार इस दिन गाय की सेवा करने से, उसे हरा चारा खिलाने से परिवार में महालक्ष्मी की कृपा बनी रहती है तथा परिवार में अकालमृत्यु की आशंकाएं समाप्त होती

01/09/2022

लंपी स्किन डिज़ीज़ के लक्षण

बुखार, लार, आंखों और नाक से स्रवण, वजन घटना, दूध उत्पादन में गिरावट, पूरे शरीर पर कुछ या कई कठोर और दर्दनाक नोड्यूल दिखाई देते हैं। त्वचा के घाव कई दिनों या महीनों तक बने रह सकते हैं। क्षेत्रीय लिम्फ नोड्स सूज जाते हैं और कभी-कभी एडिमा उदर और ब्रिस्केट क्षेत्रों के आसपास विकसित हो सकती है। कुछ मामलों में यह नर और मादा में लंगड़ापन, निमोनिया, गर्भपात और बाँझपन का कारण बन सकता है।

इस बीमारी में शरीर पर गांठें बनने लगती हैं. खासकर सिर, गर्दन, और जननांगों के आसपास.
इसके बाद धीरे-धीरे गांठे बड़ी होने लगती हैं और फिर ये घाव में बदल जाती हैं.
इस बीमारी में गाय को तेज़ बुखार आने लगता है.
गाय दूध देना कम कर देती है.
मादा पशुओं का गर्भपात हो जाता है.
कई बार गाय की मौत भी हो जाती है.
यह पूरे शरीर में विशेष रूप से सिर, गर्दन, अंगों, थन (मादा मवेशी की स्तन ग्रंथि) और जननांगों के आसपास दो से पाँच सेंटीमीटर व्यास की गाँठ के रूप में प्रकट होता है।
इसके अन्य लक्षणों में सामान्य अस्वस्थता, आँख और नाक से पानी आना, बुखार तथा दूध के उत्पादन में अचानक कमी आदि शामिल है।

01/09/2022

गौ माता की जो करे सेवा

जो व्यक्ति गौ माता की सेवा पूजा करता है उस पर आने वाली सभी प्रकार की विपदाओं को गौ माता हर लेती है। गौ माता के खुर में देवताओं का वास होता है। ऐसी मान्यता है कि जहां गौ माता विचरण करती हैं उस जगह सांप बिच्छू नहीं आते।

01/09/2022

गोसेवा को एक कर्तव्य के रूप में माना गया है। गाय सृष्टिमातृका कही जाती है। गाय के रूप में पृथ्वी की करुण पुकार और विष्णु से अवतार के लिए निवेदन के प्रसंग पुराणों में बहुत प्रसिद्ध हैं। 'समरांगणसूत्रधार'- जैसा प्रसिद्ध बृहद वास्तु ग्रंथ गोरूप में पृथ्‍वी-ब्र्ह्मादि के समागम-संवाद से ही आरंभ होता है।🙏🙏🙏

इसलिए गाय को गौ माता कहा जाता है
21/08/2022

इसलिए गाय को गौ माता कहा जाता है

21/08/2022

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21/08/2022

गौ माता की प्रार्थना क्या है?

🙏🙏🙏🙏🙏
ऋद्धिदां वृद्धिदां चैव मुक्तिदां सर्वकामदाम्। लक्ष्मीस्वरूपां परमां राधां सहचरीं पराम्। गवामधिष्ठातृदेवीं गवामाद्यां गवां प्रसूम्। पवित्ररूपां पूज्यां च भक्तानां सर्वकामदाम्। यया पूतं सर्वविश्वं तां देवीं सुरभीं भजे।

21/08/2022

गौमाता की महिमा अपरंपार है। मनुष्य अगर जीवन में गौमाता को स्थान देने का संकल्प कर ले तो वह संकट से बच सकता है। मनुष्य को चाहिए कि वह गाय को मंदिरों और घरों में स्थान दे, क्योंकि गौमाता मोक्ष दिलाती है। पुराणों में भी इसका उल्लेख मिलता है कि गाय की पूंछ छूने मात्र से मुक्ति का मार्ग खुल जाता है।

जय हो गौ माता 🙏🙏🙏

19/08/2022

उन्होंने नस देखी और बीमार लिख दिया ,
रोग मेरा " गऊ माता" से प्यार लिख दिया ,
करज़दार रहेंगे हम सदा उस वैध के ,
जिसने दवा मे "गऊ माता"जिंदाबाद लिख दिया" !!
_________________________
#गौमाता_राष्ट्रमाता

गौ सेवा सर्वश्रेष्ठ सेवा
19/08/2022

गौ सेवा सर्वश्रेष्ठ सेवा

जय हो गौ माता
18/08/2022

जय हो गौ माता

कामधेनु गौ सेवा समिति द्वारा घायल बछड़े का उपचार कराया गया...
18/08/2022

कामधेनु गौ सेवा समिति द्वारा घायल बछड़े का उपचार कराया गया...

18/08/2022

आओ मिलकर जीवन में थोड़ा पुण्य कमाते हैं मिलकर सभी गौ माता की सेवा करते

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