Saurav's Natural Farms

Saurav's Natural Farms Dedicated to give advises for building natural farms and terrace farms near cities and later marketing their produces to natural produce user community.

02/07/2023

This video was sponsored by Spintronics. Head to https://upperstory.com/spintronics to learn more about the game and see it in action!We love trees, but the ...

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16/05/2022

हमारा कृषि प्रधान देश अगर उत्पादन क्षमता को बढ़ाने पर कार्य करें तो किसान हीं सबसे बड़ा नौकरी देने वाला बनकर उभर सकता है.

अगर हमलोग प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का प्रयास करें. तब उत्पाद कहीं के भी बाजार में बेचे जाने लायक उत्पादित होगा क्योंकि इस तरह के उत्पादन में आपको किसी भी प्रकार के जहरीले कृषि रसायनों की आवश्यकता कम से कम होगी. इस विधि में जैव विविधता और प्राकृतिक मित्र कीटों को आसानी से संरक्षित भी किया जा सकेगा.

खेतों में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी हीं भारतीय कृषि की सबसे बड़ी कमजोरी है. हमारे जैविक कृषि व्यवस्था भी इस कमी को पूरा नहीं कर पा रही है और रासायनिक विधियाँ तो पूर्णतया विफल हीं रही है.

खेतों में सूक्ष्म पोषक तत्वों की उपलब्धता प्राकृतिक खेती में बहुत हीं आसानी से संभव है.

सूक्ष्म पोषक तत्वों की उपलब्धता हमलोग पतझड़ में गिरे पत्तों की मदद से बहुत हीं आसान तरीकों से कर सकते हैं.
अभी हम उन्हें शहरों में जलाकर वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड हीं बढ़ाने का काम कर रहे हैं.

इन सूक्ष्म पोषक तत्वों का भंडार है ये पतझड़ में उंचे पेड़ों से गिरनेवाले सूखे पत्ते हैं. कभी किसी विचारक ने इन्हें "भूरा सोना" से उद्धृत किया है. हमारे प्रयोगों में यह सच हीं साबित हुआ है.

हमारे प्रारंभिक प्राकृतिक कृषि विकास मॉडल

अच्छा होगा आप अपने खेती के बाउंड्री पर फलदार पेंड़ों का जंगल मियावाकी तरीके से इतना घना लगाऐं कि कोई भी जानवर या मनुष्य आर पार न आ जा सके. यह क्षेत्रफल आपके कुल खेती का लगभग १५ से २५% तक हो तो अच्छा होगा.
इस जंगल से आपको पत्तों की खाद मिलती रहेगी साल दर साल.
इस जंगल से आपकी जमीन के नीचे का वाटर टेबल भी धिरे धिरे उपर आ जाऐगा क्योंकि जमीन के निचे भूगर्भ छिद्रों को बन्द करने का काम बड़े पेंड़ो की जड़ें बहुत आसानी से करना शुरू कर देती हैं.
आप अपने जमीन के अगले १०% भूमी पर बहुत ज्यादा बायोमास पैदा करने वाले पौधे लगाईऐ जो आपके जमीन के लिए प्राकृतिक खाद उपलब्ध कराता रहेगा. इसमें प्रमुख तौर पर केला प्रजाति के पौधे सबसे उत्तम होते हैं क्योंकि ये मुख्य कृषि तत्व पोटैशियम को अपने में संयोजित रख पाने में सक्षम होते हैं. पोटैशियम का पुनर्चक्रण कृषि में उपयोग में लाए जाने पर पौधों की प्रतिरोधक क्षमताओं में गुणात्मक सुधार ला देता है.
५५ % जमीन पर आप कुछ विशेष फल जैसे स्ट्रौबेरी, कीवि, ड्रैगन फ्रूट इत्यादि के पौधे लगाकर बाजार के लिए उत्पादन किजिए.
१०% जमीन पर खुद के उपयोग के लिए धान, गेंहूँ, दलहन तिलहन, मशाले और सब्जी उगाईऐ.
आप और आपका परिवार पर्यावरण का संरक्षण करते हुए अपने स्वास्थ का भी ख्याल रख पाऐगा.
अगर आप मांसाहार में विश्वास करते हैं तो इस जमीन से ५% भाग में तालाब खुदवाकर मछली सह बकरी पालन कर सकते हैं. बकरी के लिए बने बाड़े के छत पर आप हरा चारा उत्पादित कर सकते हैं.
यहाँ सारा कुछ प्राकृतिक तौर पर उगेगा और कीटनाशक, शाकनाशक या फफूंदी नाशक की आवश्यकता बिल्कुल भी नहीं होगी जो आपके लाभ में इजाफा करती रहेगी.

Address

Near SBI Learning Centre, Salona Tand, Circular Road
Deoghar
814112

Telephone

+91 91101 97939

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