22/10/2020
ब्रीडिंग चार तरीक़े की होती है
१) ब्रीडिंग
२) इन ब्रीडिंग
३) लाइन ब्रीडिंग
४) सिलेक्टिव ब्रीडिंग
१) ब्रीडिंग वो जो आज हम सब कर रहे है । बिना सोचे बिना समझे । c**t / Filly चाहिए । ना सही Mare / Stallion का चुनाव । ना नस्ल का चुनाव ।
२) इन ब्रीडिंग जो हम लोग जाने अनजाने में कर रहे है । जैसे कि माँ को बेटे से cross करवा देना या किसी भी नज़दीकी रिश्तेदारी में नातिन x नाना , दादी x पोता , बेटी x पिता , भाई x बहन या कुछ ओर भी नज़दीकी रिश्ते । इसने कई बार हम लोग जान बूझ के नज़र अन्दाज़ कर देते है या फिर कई बार Mare / Stallion के ख़ानदान की सही जानकारी ना होने के कारण भी हम लोग इन ब्रीडिंग कर बैठते है ।
३) लाइन ब्रीडिंग एक बहुत ही जटिल कार्य है जिसको बहुत ही धैर्यपूर्ण तरीक़े से किया जाता है बहुत ही कुशुल ब्रीडर ही इस कार्य को सही तरीक़े से सम्पन्न कर पाते है । इसकी ज़रूरत तब होती है जब कोई ब्लड लाइन ख़त्म होने के कगार पर खड़ी हो ओर उसको बचाने के लिए रिश्तेदारी में ही ब्रीडिंग करवानी करवानी पड़ जाती है ।
४) अब बारी आती है सिलेक्टिव ब्रीडिंग की । सिलेक्टिव ब्रीडिंग का मतलब है आपने अपनी Mare के लिए जो Stallion सलेक्ट करना है सब से पहले तो ये देखना है की क्या वह आपकी Mare की ब्लड लाइन से मेल तो नही खाता । उनके ख़ानदान का कोई आपस में सम्बंध तो नही । फिर हमने देखना है की जो जो कमी हमारी Mare में है क्या जिस Stallion का हमने चुनाव किया है वह उन चीज़ों की पूर्ती कर पाएगा । अगर लगे कि हाँ कर पाएगा तभी आप वो Stallion प्रयोग में लाए ।
The Sun Stud Farm/ Poona stud /
Jathedaar stud Farm khanna
फिर भी १००% नतीजे की कोई गैरंटी नही है
कुछ चीज़ें कुदरत अपने हाथ में रखती है ।