04/12/2020
अपना भविष्य खुद जाने :जातक अपने शरीर पर तिल देखकर जाने कैसा होगा भविष्य:What will be the future for mole on your body:
जातक अपने शरीर पर तिल देखकर जाने कैसा होगा भविष्य:शरीर पर तिल होने का फल:इये जानें शरीर के अंगों पर तिलों का प्रभाव द्वारा:शरीर पर तिल का महत्व : हमारे शरीर के अंगो पर तिल के होने का महत्त्व.हाथ में कौन सी अंगुली पर तिल हो तो क्या होता है? What will be the future person looking mole on your body: :
जातक अपने शरीर पर तिल देखकर जाने कैसा होगा भविष्य
तिल मात्र सौंदर्य बोधक ही नहीं होते हैं, ये व्यक्ति के भविष्य में घटित होने वाली घटनाओं का संकेत भी देते हैं। शरीर के विभिन्न अंगों पर तिल की स्थिति, उनके रंग और आकृति आदि के अध्ययन से जातक के भविष्य का अनुमान लगाया जा सकता है। पुरुष के शरीर पर दाहिनी ओर तिल होना शुभ एवं लाभकारी माना गया है जबकि महिलाओं के बायीं तरफ वाले तिल शुभ एवं लाभकारी माना जाता हैं। यदि किसी के हृदय पर तिल हो तो वह सौभाग्यवती होती है। किसी भी व्यक्तिके शरीर पर बारह से ज्यादा तिल होना अच्छा नहीं माना जाता। बारह से कम तिलों का होना शुभ फलदायक है।
भले ही व्यक्ति के चेहरे का रंग गोरा अथवा सांवला हो। तिल चेहरे की सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं। ऐसी मान्यता भी है कि व्यक्ति के चेहरे पर काले तिल उसे लोगों की बुरी नजर से बचाते हैं। इसलिए आजकल युवतियां अपने चेहरे को सुंदर बनाने के लिए कृतिम तिल भी बनवा लेती हैं। शरीर के विभिन्न अंगों पर पाए जाने वाले तिलों के बारे में हम आपको बताते हैं|
ललाट पर तिल- ललाट के मध्य भाग में तिल निर्मल प्रेम की निशानी है। ललाट के दाहिने तरफ का तिल किसी विषय विशेष में निपुणता, किंतु बायीं तरफ का तिल फिजूलखर्ची का प्रतीक होता है। ललाट या माथे के तिल के संबंध में एक मत यह भी है कि दायीं ओर का तिल धन वृद्धिकारक और बायीं तरफ का तिल घोर निराशापूर्ण जीवन का सूचक होता है।
भौंहों पर तिल - यदि दोनों भौहों पर तिल हो तो जातक अकसर यात्रा करता रहता है। दाहिनी पर तिल सुखमय और बायीं पर तिल दुखमय दांपत्य जीवन का संकेत देता है।
आंख की पुतली पर तिल - दायीं पुतली पर तिल हो तो व्यक्ति के विचार उच्च होते हैं। बायीं पुतली पर तिल वालों के विचार कुत्सित होते हैं। पुतली पर तिल वाले लोग सामान्यत: भावुक होते हैं।
पलकों पर तिल - आंख की पलकों पर तिल हो तो जातक संवेदनशील होता है। दायीं पलक पर तिल वाले बायीं वालों की अपेक्षा अधिक संवेदनशील होते हैं।
आंख पर तिल - दायीं आंख पर तिल स्त्री से मेल होने का एवं बायीं आंख पर तिल स्त्री से अनबन होने का आभास देता है।
कान पर तिल - कान पर तिल व्यक्ति के अल्पायु होने का संकेत देता है।
नाक पर तिल - नाक पर तिल हो तो व्यक्ति प्रतिभासंपन्न और सुखी होता है। महिलाओं की नाक पर तिल उनके सौभाग्यशाली होने का सूचक है।
होंठ पर तिल - होंठ पर तिल वाले व्यक्ति बहुत प्रेमी हृदय होते हैं। यदि तिल होंठ के नीचे हो तो गरीबी छाई रहती है।
मुंह पर तिल - मुखमंडल के आसपास का तिल स्त्री तथा पुरुष दोनों के सुखी संपन्न एवं सज्जन होने के सूचक होते हैं। मुंह पर तिल व्यक्ति को भाग्य का धनी बनाता है। उसका जीवनसाथी सज्जन होता है।
गाल पर तिल - गाल पर लाल तिल शुभ फल देता है। बाएं गाल पर कृष्ण वर्ण तिल व्यक्ति को निर्धन, किंतु दाएं गाल पर धनी बनाता है।
जबड़े पर तिल - जबड़े पर तिल हो तो स्वास्थ्य की अनुकूलता और प्रतिकूलता निरंतर बनी रहती है।
ठोड़ी पर तिल - जिस स्त्री की ठोड़ी पर तिल होता है, उसमें मिलनसारिता की कमी होती है।
कंधों पर तिल - दाएं कंधे पर तिल का होना दृढ़ता तथा बाएं कंधे पर तिल का होना तुनकमिजाजी का सूचक होता है।
दाहिनी भुजा पर तिल - ऐसे तिल वाला जातक प्रतिष्ठित व बुद्धिमान होता है। लोग उसका आदर करते हैं।
बायीं भुजा पर तिल - बायीं भुजा पर तिल हो तो व्यक्ति झगड़ालू होता है। उसका सर्वत्र निरादर होता है। उसकी बुद्धि कुत्सित होती है।
कोहनी पर तिल - कोहनी पर तिल का पाया जाना विद्वता का सूचक है।
हाथों पर तिल - जिसके हाथों पर तिल होते हैं वह चालाक होता है। गुरु क्षेत्र में तिल हो तो सन्मार्गी होता है। दायीं हथेली पर तिल हो तो बलवान और दायीं हथेली के पृष्ठ भाग में हो तो धनवान होता है। बायीं हथेली पर तिल हो तो जातक खर्चीला तथा बायीं हथेली के पृष्ठ भाग पर तिल हो तो कंजूस होता है।
अंगूठे पर तिल - अंगूठे पर तिल हो तो व्यक्ति कार्यकुशल, व्यवहार कुशल तथा न्यायप्रिय होता है।
तर्जनी पर तिल - जिसकी तर्जनी पर तिल हो, वह विद्यावान, गुणवान और धनवान किंतु शत्रुओं से पीड़ित होता है।
मध्यमा पर तिल - मध्यमा पर तिल उत्तम फलदायी होता है। व्यक्ति सुखी होता है। उसका जीवन शांतिपूर्ण होता है।
अनामिका पर तिल - जिसकी अनामिका पर तिल हो तो वह ज्ञानी, यशस्वी, धनी और पराक्रमी होता है।
कनिष्ठा पर तिल - कनिष्ठा पर तिल हो तो वह व्यक्ति संपत्तिवान होता है, किंतु उसका जीवन दुखमय होता है।
गले पर तिल - गले पर तिल वाला जातक आरामतलब होता है। गले पर सामने की ओर तिल हो तो जातक के घर मित्रों का जमावड़ा लगा रहता है। मित्र सच्चे होते हैं। गले के पृष्ठ भाग पर तिल होने पर जातक कर्मठ होता है।
छाती पर तिल - छाती पर दाहिनी ओर तिल का होना शुभ होता है। ऐसी स्त्री पूर्ण अनुरागिनी होती है। पुरुष भाग्यशाली होते हैं। शिथिलता छाई रहती है। छाती पर बायीं ओर तिल रहने से भार्या पक्ष की ओर से असहयोग की संभावना बनी रहती है। छाती के मध्य का तिल सुखी जीवन दर्शाता है। यदि किसी स्त्री के हृदय पर तिल हो तो वह सौभाग्यवती होती है।
कमर पर तिल - यदि किसी व्यक्ति की कमर पर तिल होता है तो उस व्यक्ति की जिंदगी सदा परेशानियों से घिरी रहती है।
पीठ पर तिल - पीठ पर तिल हो तो जातक भौतिकवादी, महत्वाकांक्षी एवं रोमांटिक हो सकता है। वह भ्रमणशील भी हो सकता है। ऐसे लोग धनोपार्जन भी खूब करते हैं और खर्च भी खुलकर करते हैं। वायु तत्व के होने के कारण ये धन संचय नहीं कर पाते।
पेट पर तिल - पेट पर तिल हो तो व्यक्ति चटोरा होता है। ऐसा व्यक्ति भोजन का शौकीन व मिष्ठान्न प्रेमी होता है। उसे दूसरों को खिलाने की इच्छा कम रहती है।
घुटनों पर तिल - दाहिने घुटने पर तिल होने से गृहस्थ जीवन सुखमय और बायें पर होने से दांपत्य जीवन दुखमय होता है।
पैरों पर तिल - पैरों पर तिल हो तो जीवन में भटकाव रहता है। ऐसा व्यक्ति यात्राओं का शौकीन होता है। दाएं पैर पर तिल हो तो यात्राएं सोद्देश्य और बाएं पर हो तो निरुद्देश्य होती हैं।
पुरुषों के शरीर पर तिल का प्रभाव-
जिस पुरुष के सिर (मस्तक) पर तिल होता है, वह हर जगह इज्जत पाता है वहीँ अगर आँख पर तिल होता है तो वह उच्च पद पाता है।
जिस पुरुष के मुख पर तिल होता है बहुत दौलत वाला होता है, वहीँ जिसके गाल पर तिल हो तो उसे स्त्री सुख मिलता है। हाथ के पंजे पर तिल हो तो वह व्यक्ति दिलदार व दयालु रहता है।
छाती की दाहिनी तरफ तिल हो तो अच्छी स्त्री मिलती है वहीँ अगर ऊपर के होंठ पर तिल हो तो धन की प्राप्ति होती है इसके साथ ही चारों तरफ इज्जत मिलती है।नीचे के होंठ पर तिल हो तो वह व्यक्ति कंजूस होता है।
दाहिने कंधे पर तिल हो तो वह व्यक्ति कलाकार होता है। क्षेत्र कोई-सा भी हो सकता। अगर गर्दन पर तिल हो तो उस व्यक्ति की लंबी उम्र होती है|
कान पर तिल हो तो वह खूब पैसे वाला होता है। पाँव पर तिल हो तो उस व्यक्ति के विदेश यात्रा का योग बनता है।
स्त्री के शरीर पर तिल का प्रभाव-
जिस महिला के गाल पर तिल होता है, उसे अच्छा पति मिलता है वहीँ जिस स्त्री के गाल के बाँईं तरफ तिल हो तो ऐशो-आराम का सुख मिलता है
महिला के बाईं तरफ मस्तक पर तिल हो तो वह किसी राजा की रानी बनती है वहीँ अगर मस्तक पर तिल हो तो हर जगह इज्जत मिलती है।
नाक पर तिल हो तो वह महिला रूपवान होती है, पर बहुत ही घमंडी होती है वहीँ कान पर तिल हो तो आभूषण पहनने का सुख मिलता है।
आपको बता दें की आँख पर तिल हो तो पति की बहुत अधिक प्रिय होती है। छाती पर तिल हो तो पुत्र की प्राप्ति होती हैपाँव पर तिल हो तो विदेश यात्रा का योग रहता है
जाँघ पर तिल हो तो नौकर-चाकर का सुख मिलता है।
शरीर पर तिल होने का फल
माथे पर - बलवान हो
ठुड्डी पर - स्त्री से प्रेम न रहे दोनों बांहों के बीच--यात्रा होती रहे
दाहिनी आंख - पर स्त्री से प्रेम
बायीं आंख पर - स्त्री से कलह रहे
दाहिनी गाल पर - धनवान हो
बायीं गाल पर - खर्च बढता जाए
होंठ पर - विषय-वासना में रत रहे
कान पर - अल्पायु हो
गर्दन पर - आराम मिले
दाहिनी भुजा पर - मान-प्रतिष्ठा मिले
बायीं भुजा पर - झगडालू होना
नाक पर - यात्रा होती रहे
दाहिनी छाती पर - स्त्री से प्रेम रहे
बायीं छाती पर - स्त्री से झगडा होना
कमर में - आयु परेशानी से गुजरे
दोनों छाती के बीच - जीवन सुखी रहे
पेट पर - उत्तम भोजन का इच्छुक
पीठ पर - प्राय: यात्रा में रहा करे
दाहिने हथेली पर - बलवान हो
बायीं हथेली पर - खूब खर्च करे
दाहिने हाथ की पीठ पर - धनवान हो
बाएं हाथ की पीठ पर - कम खर्च करे
बाएं हाथ की पीठ पर - कम खर्च करे
दाहिने पैर में - बुद्धिमान हो
बाएं पैर में - खर्च अधिक हो!
शरीर के विभिन्न अंगों पर तिल के निशान को लेकर अनेक प्रकार की धारणाएं देखने, सुनने और पढ़ने को मिलती है। बदन पर तिल होने पर यह भी कहा जाता है कि उक्त स्थान पर व्यक्ति को पूर्व जन्म में चोट लगी थी। इस तरह की कई बातें तिल के बारे में प्रचलित हैं। आइए नजर डालते हैं, ऐसी कुछ धारणाओं पर -
�जिनके दायें कंधे पर तिल होता है, वे दृढ संकल्पित होते हैं।
�यदि तिल पर बाल हो, तो वो शुभ नहीं माना जाता और न ही अच्छा लगता है।
�तिल यदि बड़ा हो, तो शुभ होने के साथ सगुन बढ़ाता है।
�तिल गहरे रंग का हो, तो माना जाता है कि बड़ी बाधाएं सामने आएंगी।
�हल्के रंग का तिल सकारात्मक विशेषता का सूचक माना जाता है।
�जिस व्यक्ति के ललाट पर दायीं तरफ तिल हो, उसे प्रतिभा का धनी माना जाता है और बायीं तरफ होने पर उसे फिजूलखर्च व्यक्ति माना जाता है। जिसके ललाट के मध्य में तिल हो, उस व्यक्ति को अच्छा प्रेमी माना जाता है।
�दायीं गाल पर तिल हो, वैवाहिक जीवन सफल रहता है। बायीं गाल पर तिल संघर्षपूर्ण जीवन का द्योतक है।
�जिस व्यक्ति के होंठों पर तिल होता है, उसे विलासी प्रवृत्ति का माना जाता है।
�ठोड़ी पर तिल इस बात का सूचक है कि व्यक्ति सफल और संतुष्ट है।
�आंख पर तिल हो, तो माना जाता है कि व्यक्ति कंजूस प्रवृत्ति का है।
�पलकों पर तिल होना इस बात का द्योतक है कि व्यक्ति संवेदनशील और एकांतप्रिय है।
�कान पर तिल इस बात का सूचक है कि व्यक्ति धीर, गंभीर और विचारशील है।
�नाक पर तिल होने पर माना जाता है कि व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होगा।
�गर्दन पर तिल वाला वाला व्यक्ति अच्छा दोस्त होता है।
�कूल्हे पर तिल होने पर माना जाता है कि व्यक्ति शारिरिक व मानसिक दोनों स्तर पर परिश्रमी होता है।
�जिसके मुंह के पास तिल होता है, वह एक न एक दिन धन प्राप्त करता है।
�जिसके आंख के अंदर तिल हो, वह व्यक्ति कोमल हृदय अर्थात भावुक होता है।
�दायीं भौं पर तिल वाले व्यक्ति का वैवाहिक जीवन सफल रहता है।
�टखना पर तिल इस बात का सूचक है कि आदमी खुले विचारों वाला है।
�जोड़ों पर तिल होना शारिरिक दुर्बलता की निशानी माना जाता है।
�पांव पर तिल लापरवाही का द्योतक है।
�नाभि पर तिल मनमौजी प्रवृत्ति का संकेत है।
�कोहनी पर तिल होना विद्वान होने का संकेत है।
�कमर पर दायीं ओर तिल होना यह दर्शाता है कि व्यक्ति अपनी बात पर अटल रहने वाला और सच्चाई पसंद करने वाला है।
�जिसके घुटने पर तिल हो, वह व्यक्ति सफल वैवाहिक जीवन जीता है।
�जिसके बायें कंधे पर तिल होता है, वह व्यक्ति क्रोधी स्वभाव का होता है।
�कंधे और कोहनी के मध्य तिल होने पर माना जाता है कि व्यक्ति में उत्सुक प्रवृत्ति का है।
�जिस व्यक्ति के कोहनी और पोंहचे के मध्य कहीं तिल होता है, वह रोमांटिक प्रवृत्ति का होता है!
आइये जानें शरीर के अंगों पर तिलों का प्रभाव द्वारा:
जैसा कि आप सभी जानते हें हमारे शरीर पर कई प्रकार के जन्मजात अथवा जीवन काल के दौरान निकले निशान पाए जाते हैं। जिन्हे हम तिल, मस्सा एवं लाल मस्सा के नाम से सुनते आए हैं। शास्त्रों के अनुसार हमारे शरीर पर पाए गए यह निशान हमारे भविष्य और चरित्र के बारे में बहुत कुछ दर्शाते हैं। मैं आज शरीर पर इन तिलों के होने का महत्त्व वर्णन कर रहा हूँ। तिल तथा मस्से का होना दोनों एक ही प्रभाव देता है। तिल आपके सभी प्रकार के शारीरिक, आर्थिक एवं चरित्र के बारे में काफी कुछ दर्शा देता है। तिल का प्रभाव हमारे लिंग से कभी भी अलग नही होता। तिल का प्रभाव स्त्री एवं पुरूष दोनों के लिए एक सामान होता है.
मस्तक, माथा अथवा ललाट :----
१ ललाट के मध्य भाग में तिल का होना भाग्यवान माना जाता है।
२ ललाट पर बाएँ भंव के ऊपर तिल होना विलासिता को दर्शाता है। ऐसे व्यक्ति अपने रखे धन सम्पति को विलासिता में लिप्त होकर बरबाद कर देते हैं।
३; ललाट पर दाँए भंव के ऊपर तिल होना भी विलासिता को दर्शाता है परन्तु ऐसे व्यक्ति स्वयं धन अर्जित कर के उसे बरबाद कर देते हैं।
कान अथवा कर्ण:---
१ बाएँ कान के सामने की तरफ़ कहीं भी तिल का होना व्यक्ति के रहस्यमयी होने के गुण को दर्शाता है। साथ ही साथ ऐसे व्यक्ति का विवाह अधिक उम्र होने के पश्चात् होता है।
२; बाएँ कान के पीछे की तरफ़ तिल का होना व्यक्ति के ग़लत कार्यो के प्रति झुकाव को दर्शाता है।
३; दाँए कान के सामने की तरफ़ कही भी तिल हो तो वह व्यक्ति बहुत कम आयु में ही धनवान हो जाता है। साथ ही साथ व्यक्ति का जीवन साथी सुंदर होता है।
४ दाँए कान के पीछे अगर तिल है तो यह तिल कान में किसी भी प्रकार के रोग होने की सम्भावना व्यक्त करता है।
आँख,नेत्र अथवा नयन:----
१ बाएँ आँख के भीतर सफ़ेद भाग में तिल का होना चरित्र हीनता का सूचक है।
२ बाएँ आँख के पुतली पर तिल का होना भी चरित्र हीनता का सूचक है परन्तु इसका प्रभाव भीतर के तिल से कम होता है। ३बाएँ आँख की नीचे की पलकों पर तिल होना व्यक्ति के आलसीपन और विलासी चरित्र को दर्शाता है।
४ दाँए आँख के भीतर सफ़ेद भाग में अगर तिल हो तो वह व्यक्ति भी चरित्रहीन होता है अथवा ऐसे व्यक्ति के जीवन का अंत या तो हत्या से होता है या फ़िर वह आत्मदाह कर लेता है
५ दाँए आँख के ऊपर का तिल आँखों से सम्बंधित रोग का सूचक है। एवं ऐसे व्यक्ति अविश्वासी होते हैं। ना यह किसी पर विश्वास करते है और न ही विश्वास के पात्र होते हैं।
६ दाँए आँख के नीचे की पलकों पर तिल का होना उस व्यक्ति के कम आयु से ही विपरीत लिंग के प्रति
नाक:----
१ नाक के अग्र भाग पर तिल हो तो ऐसे व्यक्ति लक्ष्य बना कर चलने वाले होते हैं तथा किसी भी कार्य को उस समय तक नही करते जब तक की वह उस कार्य के लिए स्वयं को पूर्ण सुरक्षित महसूस न कर लें। साथ ही साथ यह व्यक्ति भी विपरीत लिंग के प्रति बहुत आकर्षित होता है।
२ इसके अलावा अगर नाक पर कहीं भी तिल हो तो व्यक्ति को नाक सम्बंधित कोई भी रोग हो सकता है।
३ नाक के नीचे (मूछ वाली जगह ) पर दाँए अथवा बाएँ अगर कहीं भी तिल हो वह व्यक्ति भी अधिक विलासी होगा तथा नींद बहुत अधिक पसंद करेगा।
होंठ:---
१ उपरी होंठ के बाएँ तरफ़ तिल होना जीवनसाथी के साथ लगातार विवाद होने का सूचक है।
२ उपरी होंठ के दाँए तरफ़ तिल हो तो जीवनसाथी का पूर्ण साथ मिलता है।
३ निचले होंठ के बाएँ तरफ़ तिल होना किसी विशेष रोग के होने का सूचक होता है एवं ऐसे व्यक्ति अच्छे भोजन खाने तथा नए वस्त्र पहनने के शौकीन होते हैं।
४; निचले होंठ के दाँए तरफ़ तिल हो तो वह व्यक्ति अपने क्षेत्र में बहुत प्रसिद्दि प्राप्त करते हैं। साथ ही साथ इन्हे भोजन से कोई खास लगाव नही होता है। लेकिन विपरीत लिंग इन्हे अधिक आकर्षित करते हैं।
गाल:----
१ जिस व्यक्ति के बाएँ गाल,नाक तथा ठुड्डी पर तीनो जगह तिल हो तो ऐसे व्यक्ति के पास स्थायी धन हमेशा रहता है। परन्तु अगर सिर्फ़ कही एक जगह ही तिल हो तो उसे पैसे का आभाव नही होता।
२ इसी प्रकार दाँए गाल,नाक तथा ठुड्डी पर तीनो जगह तिल हो तो ऐसे व्यक्ति भी धनवान होते हैं परन्तु घमंडी भी होते हैं। एसऐ व्यक्ति अपना धन किसी भी सामाजिक कार्य में नही लगते हैं। परन्तु अगर सिर्फ़ कही एक जगह ही तिल हो तो उसे पैसे का आभाव नही होता।
३; दाँए गाल पर तिल होना व्यक्ति के घमंडी होने का सूचक है।
कंठ,गला तथा गर्दन:
१ कंठ पर तिल का होना सुरीली आवाज़ का सूचक है तथा ऐसा व्यक्ति संगीत में रूचि रखता है।
२ गले पर और कहीं भी तिल होने वाले व्यक्ति संगीत के शौखिन होते हैं परन्तु उन्हे गले सम्बंधित रोग एवं कुछ व्यक्तियों में दमा जैसे रोग भी पाए गए हैं।
३ अगर गले के नीचे तिल हो तो ऐसा व्यक्ति गायक होता है। एवं उसकी आवाज़ बहुत सुरीली होती है।
४ गले के पीछे अगर तिल हो तो रीढ़ सम्बंधित रोग होते हैं।
सीना अथवा छाती:----
1 बाएँ तरफ़ सीने में तिल का होना सीने या ह्रदय रोग की शिकायत होने एवं मध्यस्तर के जीवनसाथी का मिलना तथा अधिक उम्र में शादी होने की स्थिति को दर्शाता है। वक्ष स्थल पर यदि तिल हो तो वह व्यक्ति अधिक कामुक होता है और अनेको प्रकार की बदनामी को झेलता है।
२ दाँए तरफ़ सीने में तिल का होने से सुंदर जीवनसाथी मिलता है एवं यह व्यक्ति धनवान भी होता है। परन्तु यदि तिल वक्ष स्थल पर है तो इसका प्रभाव भी बाएँ तिल के सामान होता है।
उदर अथवा पेट:----
१; उदर के बाएँ तरफ़ तिल होना पेट सम्बन्धी रोगों का सूचक है एवं अधिकतम लोगो में पाया गया है की उन्हे शल्य चिकित्सा भी करनी पड़ी है। ऐसे लोग भोजन अधिक नही कर पाते है।
२; उदर के दाँए तरफ़ तिल होना व्यक्ति के भोजन के प्रति अधिक लगाव को दर्शाता है। साथ ही साथ यह आरामदेह व्यक्ति होते हैं।
३ नाडी के बीचोबीच तिल का होना नाडी सम्बंधित रोगों तथा लकवे की बीमारी के होने का सूचक है।
४ नाडी के नीचे तिल यदि हो तो वह व्यक्ति कम आयु में ही मैथुन क्रिया में कमजोर हो जाता है एवं अप्पेंधिक्स और होर्निया जैसे रोगों से पीड़ित होने की संभावना अधिक रहती है।।
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