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09/08/2023

'फ्लाइंग किस' पर फंसे राहुल ! | PM Modi | Rahul Gandhi | Jyoti Maurya

19/04/2023

Support The Interview with Karan Thapar - https://fij.mojo.page/support-the-int...
In an interview that will cause a political earthquake in the Modi government, the Bharatiya Janata Party and Jammu and Kashmir whilst, possibly, cheering the Congress Party and Rahul Gandhi, Satya Pal Malik, the last Governor of Jammu and Kashmir, before it was divided and reduced to union territory status, says “mein safely keh sakta hoon Prime Minister ko corruption se bahut nafrat nahin hain”. Mr. Satya Pal Malik, who was Governor during the Pulwama terrorist attack and the abrogation of Article 370, also says the Prime Minister is “ill-informed” and “ignorant” about Kashmir adding pointedly ‘mast hain apne mein – to hell with it!”

आप कोई ऐसी तस्वीर पोस्ट कर सकते हैं जो आँखों को धोखा देती है, हमें भ्रमित करती है या बहकाती है? तस्वीर के पीछे सच क्या ह...
28/11/2022

आप कोई ऐसी तस्वीर पोस्ट कर सकते हैं जो आँखों को धोखा देती है, हमें भ्रमित करती है या बहकाती है? तस्वीर के पीछे सच क्या है?
मैने ये तस्वीर सोशल मीडिया पर देखी में देखता ही रह गया कि यह क्या है एक स्त्री इतने बड़े सांड को अपने कंधो पर लिए है। में तो थोड़ी देर के लिए भ्रमित ही हो गया। फिर मैने उसके नीच लिखे लेख को पड़ा तब मुझे समझ आया।

उसमे लिखा था कि कैसे एक स्त्री मर्द रूपी सांड का बोझ लिए फिरती है और किसी को महसूस भी नहीं होने देती हैं। बचपन से लेकर अंतिम समय इस बोझ को डोती है। यह तस्वीर और बहुत कुछ कहती है अगर अच्छे से समझा जाए तो। स्त्रियों को समझिए और उन्हें सम्मान दीजिए।

भारत चीन से कितना पीछे है?मैंने कई बार चीन की यात्रा की है, जिसमें से तीन बार एक भारतीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा ...
28/11/2022

भारत चीन से कितना पीछे है?
मैंने कई बार चीन की यात्रा की है, जिसमें से तीन बार एक भारतीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा था। दो बार मुझे चीन में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में आमंत्रित किया गया था, जहां उनके सभी शीर्ष नेताओं - उनके प्रीमियर के साथ-साथ विभिन्न मेयरों और सीईओ ने भाग लिया था। मैं पूर्वी चीन में अकेले बसों और ट्रेनों से यात्रा करते हुए, विभिन्न शहरों में निम्न मध्यम वर्ग के चीनी लोगों के अपार्टमेंट में रहा हूं। मैंने सभी स्तरों पर 100 चीनी लोगों के साथ बातचीत की है और भारत की ओर से मेरी कैबिनेट मंत्रियों के साथ नारियल विक्रेताओं के साथ नियमित रूप से बातचीत होती है। अगर कोविड के लिए नहीं, तो मैं चीन में एक बिक्री सहायक कंपनी स्थापित करता।
यहाँ मेरा संक्षिप्त विश्लेषण है कि भारत बहुत पीछे कहाँ है:

महिला श्रम बल की भागीदारी में भारत चीन से बहुत पीछे है। पूरे चीन में आप महिलाओं को व्यापार का हिस्सा होते हुए देख सकते हैं [हालाँकि ऊपरी छोर में यह पूरी तरह से पुरुष प्रधान है] भारत से पूरी तरह से अलग संख्या में। भारत में, सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि पीढ़ी में एक लिंग लगभग पूरी तरह से अनुपस्थित है।
शहरी बुनियादी ढांचे के मामले में भी भारत बहुत पीछे है। चीन ने बहुत सारे शहरों का निर्माण किया है - यह विकास के बेहतर प्रसार की अनुमति देता है - साथ ही मेट्रो ट्रेनों, हाई स्पीड रेल आदि के विशाल स्तर के साथ। भारत सरकार अंतर को पाटने की कोशिश कर रही है, हालांकि यह अब काफी बड़ा है।
माओ के समय से दशकों के निवेश के कारण चीन बुनियादी स्वास्थ्य संकेतकों में भी काफी आगे है। भारत को इस पर काबू पाने में काफी समय लगेगा।
चीन में सभी स्तरों पर निर्णय लेने की त्वरित प्रणाली है। मैंने बहुत सारे चीनी व्यवसायों और सरकारों के साथ काम किया है और महसूस किया है कि वे दुनिया में कहीं और से कहीं ज्यादा तेज हैं।
ऐसे और भी कई पहलू हैं जहां भारत पीछे है, लेकिन वे कारक उतने बड़े नहीं हैं जितने ऊपर वाले हैं।

उस ने कहा, भारत की ताकत के कुछ तरीके हैं:

बाकी दुनिया के साथ काम करने में भारतीय बेहतर हैं। लोकतांत्रिक साधनों [तर्क, चर्चा] के माध्यम से एक विविध समूह के साथ काम करने की क्षमता समय के साथ भारत की एक मौलिक ताकत है। विभिन्न कंपनियों के शीर्ष पर भारतीय निष्पादन इस बात का एक छोटा सा उदाहरण है कि कैसे भारत के पास मूल रूप से बाकी के साथ पुल बनाने के बेहतर तरीके हैं। चीन डिफ़ॉल्ट रूप से एक मास्टर-गुलाम मोड में आ जाता है जो कुछ संदर्भों में काम कर सकता है [जैसे छोटे देशों से निपटना जो दूर हैं] लेकिन आगे की समस्याएं लाएगा।
चीनी जनसांख्यिकी अधिक विषम होती जा रही है और 4 दशकों में उन्हें जो जनसांख्यिकीय लाभ प्राप्त हुआ है - जहां 2 माता-पिता समर्थित 1 बच्चे उलटा काम करेंगे क्योंकि 1 बच्चे को 2 वृद्ध माता-पिता का समर्थन करना पड़ता है। भारत की जनसांख्यिकी बेहतर है।
राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में भारत में अनिश्चितता कम है। भारत विभाजन के दौरान एक उदाहरण के अलावा, अराजकता में काम करने और ऐतिहासिक रूप से गृह युद्धों, क्रांतियों या प्रमुख सामाजिक अशांति से बचने के लिए भारत काफी अभ्यस्त है। सदियों से, चीन या तो बहुत स्थिर और समृद्ध है या चरम अराजकता और रक्तपात के चरम विपरीत में है। अगर समय के साथ हर विकसित देश की तरह चीन को लोकतंत्र में बदलना है, तो यह अनिश्चितता चीन पर मंडराएगी।

शादी से पहले संबंध बनाना सही है या गलत?अमेरिका की एक मॉडल गिसेल ने अपने कौमार्य की बोली लगाई ऑनलाइन। [1] आपको पता है उसक...
28/11/2022

शादी से पहले संबंध बनाना सही है या गलत?
अमेरिका की एक मॉडल गिसेल ने अपने कौमार्य की बोली लगाई ऑनलाइन। [1] आपको पता है उसकी कितनी कीमत लगी?

देह व्यापार के घृणित व्यवसाय में सामान्य सी दिखने वाली लडकियो के कौमार्य की कीमत भी भारत में लाखों में होती है।

बोली लगी – 19 करोड़ रुपए में किसी मिडिल ईस्ट के व्यापारी ने सर्वोच्च बोली लगाई।

एक लड़की का कौमार्य अमूल्य होता है।

आइए इस सवाल के हर पहलू पर विस्तार से समझे!

हर लड़का ख्वाब देखता है अपनी पत्नी के लिए। वो जिंदगी भर की कमाई , पूरी जिंदगी अपनी पत्नी को समर्पित कर देगा और उसको अपनी हैसियत के मुताबिक रानी बना कर रखेगा और अक्सर अधिकांश भारतीय पुरुष अपनी पूरी जिंदगी अपनी पत्नी के लिए समर्पित रहते हैं। अपनी पत्नी की हर बात मानते हैं ,,सुनते हैं। अपने दोस्त रिश्तेदार परिवार को भूलकर पत्नी के हिसाब से ढल जाते हैं।

यंहा तक की अपने माता पिता के विरुद्ध भी चले जाते हैं ,, उनसे रिश्ते नाते तोड़ देते हैं।

एक लड़के को एक लड़की अपनी सबसे कीमती चीज क्या दे सकती है शादी पर गिफ्ट में ??

कौमार्य और अपना जीवन भर का समर्पण !!

लड़की यदि शादी के पहले ही संबंध बना ले तो बहुत ज्यादा मामलों में फिर बात शादी तक नहीं जाती है क्योंकि एक लड़के को वो सब पहले ही मिल गया जिसके लिए वो अपनी जिंदगी और जिंदगी भर की कमाई देने वाला था!!!

एक लड़की अपने लाखो करोड़ों के कौमार्य को दुनिया में मुफ्त में बांटती फिरे बिना शादी के तो फिर आप उसको क्या कहेंगे??

निजी विचार – नारीवादी और फालतू की स्वतंत्रता की बातें एक लड़की की लाखों करोड़ों की संपदा को मुफ्त में पाने का खेल है। उसको पाने के बाद लड़की खुदकुशी करती है या जान पर खेल कर भ्रूणहत्या करती है या जिंदगी भर के अवसाद में चली जाती है उससे लड़के को और why should only boys have fun के समर्थकों को कोई मतलब नहीं होता है।

लड़के जब विवाह पूर्व संबंध बनाते हैं चाहे वो प्राकृतिक हो या अप्राकृतिक वो जीवन शक्ति को नष्ट करते हैं। अमूल्य समय और शक्ति खराब करते हैं जो अपने विद्यार्जन , नौकरी व्यवसाय की तरक्की में इस्तेमाल कर पाते।

और जब तक शादी का समय आता है तब तक लड़के बचपन की बुरी आदतों की वजह से उस्मानी दवा खाना के चक्कर लगाने लगते हैं। शादी के बाद उनकी इज्जत का फालूदा निकल जाएगा इस चक्कर में पड़ जाते हैं।

जो डॉक्टर बोलते थे – "बेटा जो करना है करो कोई फर्क नहीं पड़ता है , ये कामेच्छा तो सिर्फ भूख और प्यास की तरह है क्यों शरीर को वंचित करते हो ?" वही डॉक्टर लंबे लंबे बिल फाड़ते है ED के इलाज के नाम पर!!

इतना सब खतरा ,बीमारी और जोखिम होने के बाद भी हर प्रकार के लड़के मिलेंगे और हर प्रकार की लड़कियां। दुनिया है सब कुछ होता हैं यंहा!!

मेरे हिसाब से विवाह पूर्व संबंध नितांत गलत है , बेइमानी है कि कोई लड़की किसी लड़के से उसकी पूरी जिंदगी ले ले लेकिन अपनी अमूल्य सौगात किसी को मुफ्त में दे दे!!

लड़के भी अपनी शक्ति पत्नी की सेवा के लिए सुरक्षित रखने की जगह पहले ही नष्ट कर दे और फिर शादी के बाद अपनी खुद की गलती के बावजूद CCTV पत्नी की निगरानी के लिए लगवा देते हैं।

जो सीधा तरीका है उस पर चलिए। मेडिकल साइंस तो 30–40 साल बाद रिसर्च करके बोलेगा कि हां भाई गलती हो गई भारतीय संस्कृति का ब्रह्मचर्य सर्वोत्तम है!! शादी तक इंतजार करो आपका जीवन सुखी और समृद्ध होगा।

लेकिन फिलहाल आधुनिक माहौल और शिक्षा में जीवन जीने वाले लड़के और लड़कियां अपनी बर्बाद वैवाहिक जीवन के लिए किसको गालियां देंगे ?? मेडिकल साइंस को ?? उसकी कोई गलती नही है वो तो अपनी गति से और स्पॉन्सरशिप के अनुसार ही रिसर्च करके ही बताएगा।

चाहे लड़का हो या लड़की विवाहपूर्व संबंधों से बचे !! खुद के स्वास्थ्य शक्ति समय और धन को बचाएं।

जब लड़की खुद के जीवन को बर्बाद करने की राह पर ले जाती है तब उसकी गलती की खबरें अक्सर अखबार और टीवी की ब्रेकिंग न्यूज बन जाती हैं!!

मैं सिर्फ शादी के बाद के (सिर्फ जीवन साथी से) संबंधों की पक्षधर हूं!! चाहे लड़का हो या लड़की!!

–अनुभूति मट्टू

क्यों आजकल की बच्चियां उम्र से ज्यादा दिखने लगी हैं?धन्यवाद, ये सवाल मेरे मन में भी उठता है देवी जी।जैसे कि 10–15 सालों ...
28/11/2022

क्यों आजकल की बच्चियां उम्र से ज्यादा दिखने लगी हैं?
धन्यवाद, ये सवाल मेरे मन में भी उठता है देवी जी।

जैसे कि 10–15 सालों के दौरान हुए इस परिवर्तन से में भी आश्चर्य में हूं।

10–15 साल पहले, 10 से 15 वर्ष की उम्र में बच्चियों का शरीर जिस प्रकार विकसित होता था वर्तमान में उससे दुगनी तेजी से हो रहा है। जिससे आपको लगता है कि आजकल की बच्चियां उम्र से ज्यादा दिखने लगी है।

मेरे ख्याल से यह उम्र से नहीं बल्कि सामाजिक व सांसारिक परिवर्तन के कारण शरीर का पहले की तरह इस्तेमाल न करके ऐशोआराम की तरफ भागना हो सकता है और अनियमित दिनचर्या से पैदा हुई विकृतियाँ भी हो सकती है।

इसके निम्नलिखित कारण हो सकते है-

फास्टफुड -अत्यधिक मात्रा में बाहर का खाना जिसमें बार-बार इस्तेमाल किया हुआ तेल एक प्रकार का जहर हो सकता है। न्यूनतम क्वालिटि के मैटिरियल से तैयार किया हुआ। साफ-सफाई आदि। ऐसा भोजन कम मात्रा में या कभी कभार जरुरत पड़ने पर इस्तेमाल करें तो सेहत के लिए ठीक रहेगा। फास्टफुड पेट के रोगों का भी कारण बनता है। अतः इसके अंधाधुंध इस्तेमाल करने पर शारिरीक विकास में परिवर्तन हो सकता है।
रासायनिक भोजन- आजकल हमारा खानपान लगभग रासायनिक हो गया है। हर प्रकार के अनाज को तैयार करने के लिए यूरिया, डीएपी, कीटनाशक व अन्य रसायनों का इस्तेमाल ज्यादा पैदावार लेने के लिए अनियमित रुप से हो रहा है। हम रासायनिक भोजन प्राप्त कर रहें हैं जो हमारे शारिरीक परिवर्तन के मुख्य कारणों में से एक है।
शारीरिक श्रम- पहले की अपेक्षा शारीरिक श्रम बहुत कम रह गया है। देखा जाए तो कुछ समय पहले अगर योगा या व्यायाम नहीं भी किया तो भी घर के कामकाज में भी शारीरिक श्रम हो जाता था क्योंकि पहले कपड़े धोने व अन्य कार्य हाथों से करने पड़ते थे। लेकिन आजकल उतना शारीरिक श्रम नहीं हो पाता है। जिससे शारीरिक परिवर्तन होने लगा है।
विकास- टेकनोलोजी का विकास भी इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जैसे इंटरनेट के आने पर समाज में जो परिवर्तन हो रहा है उसका भी प्रभाव हो सकता है।
सुख-सुविधाएँ- आजकल की सुख सुविधाओं के कारण भी मनुष्य के शारीरिक श्रम में गिरावट आई है जिससे शारीरिक परिवर्तन हो रहा है।
पर्यावरण- मनुष्य के शारीरिक विकास में पर्यावरण की अहम भूमिका रहती है। लोकिन आजकल की जहरीली प्रदूषित हवा मनुष्य शरीर को प्रभावित कर रही है। जैसे हमने लोकडाउन के दौरान साफ हवा को भी देखा है जिस समय कोई फेक्ट्री या साधन नहीं चल रहा था और न ही पर्यावरण का दोहन हो रहा था।
पानी - वर्तमान में प्रदूषण से वातावरण, रसायनों व उर्वरकों से मृदा के प्रदूषित होने का कुप्रभाव पानी पर पड़ रहा है जिससे पानी जहरीला हो रहा है। फेक्ट्रियों से निकलने वाला वेस्ट भी पानी को प्रदूषित करने का मुख्य कारक है। जैसे- आजकल हम आरो या वाटर फिल्टर का इस्तेमाल न करें तो पानी प्रदूषित है और यदि आरो का इस्तेमाल कर भी लें तो पानी की पोषकता कम होने की संभावना रहती है।
देखा जाए तो ऐसे अनेकों कारण हो सकते हैं इसलिए समय के साथ-साथ मानव विकास के कारण हुए परिवर्तनों से शारीरिक परिवर्तन भी संभव है।

31/05/2022

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