जीवों पर दया करो

जीवों पर दया करो All dog puppy available is campaiging to create awareness amongst citizens of India to be kind & compassionate..

08/03/2024
The ritual of immersing (visarjan) the idols after few days of worship reinforces the understanding that God is not in t...
28/09/2023

The ritual of immersing (visarjan) the idols after few days of worship reinforces the understanding that God is not in the idol, He is inside us. So experiencing the Omnipresent in the form and deriving joy out of the form is the essence of the Ganesh Chaturthi festival. In a way, such organised festivity and worships lead to an upsurge in enthusiasm and devotion.

Ganesha is the lord of all the good qualities in us. So when we worship Him, all the good qualities blossom in us. He is also the Lord of knowledge and wisdom. Knowledge dawns only when we become aware of the Self. When there is inertia, there is no knowledge, no wisdom, nor is there any liveliness (Chaitanya) or progress in life. So the consciousness has to be awakened and the presiding deity of consciousness is Ganesha.

That’s why before every puja, the Lord Ganesha is worshipped to awaken the consciousness. Therefore, people install the idol, worship it with infinite love, meditate and experience Lord Ganesha from within. This is the symbolic essence of Ganesh Chaturthi festival, to awaken the Ganesh tattva which is masked inside us. ✨🐘🕉🍃🍌🐀🌺👁🐍🐚🌷🌀🎨🍃🍚🐘🌼📿🐀💟🍂🔔🌈🔱🍃🌻🕉🐘✨

Jai Shri Ganeshaya Namah! Blessed Thursday Divine Souls!! ✨🐘🕉🍃🍌🐀🌺👁🐍🐚🌷🌀🎨🍃🍚🐘🌼📿🐀💟🍂🔔🌈🔱🍃🌻🕉🐘✨

आप सभी को हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
14/09/2023

आप सभी को हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

मिल ही जाएगी राखी, मेरे मामा को आज भेजी है जो मां ने  प्रेम से, विक्रम के साथ ।देखो विक्रम!उतरना हल्के पांव, मामा के आंग...
23/08/2023

मिल ही जाएगी राखी,
मेरे मामा को आज
भेजी है जो मां ने प्रेम से,
विक्रम के साथ ।
देखो विक्रम!
उतरना हल्के पांव, मामा के आंगन।
और फिर सौंप देना यह रक्षा सूत्र मामा के हाथ।
पांव छू कर फिर मामा के
जोर से कहना
"मामा मैं आ गया।"
मामा फिर
लगा कर गले तुझको
सच में यही कहेगा,
"पूरी दुनिया से मिला हूं मैं
पर तुझ से मिल कर
मजा आ गया।"🇮🇳
*शुभकामनाएं*
*मिशन #चंद्रयान 3*🛰️

#मिशनचंद्रयान की सफलता की हार्दिक बधाई
दोस्तों

30/07/2023

सावन माह में चम्बा में दुर्लभ एल्बिनो सांप दिखने का दावा। एल्बिनो सांप वे होते हैं जिनमें अनुवांशिक असामान्यता के कारण रंग पैदा वाले पिगमेंट नहीं बन पाते। सफेद दिखने वाले ऐसे सांप अमूमन बचपन में ही पक्षियों या अन्य परभक्षियों की नजर में आ जाने के कारण मारे जाते हैं। ऐसे में इस सांप का इतना बड़ा होना भी खुद में एक चमत्कार से कम नही

23/07/2023

बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से जैसे-तैसे बच कर बाहर निकले दो छोटे वानर भूख से निढाल, थके हुए,एक दूसरे को दिलासा देते हुए, फिर किसी सेवक को प्रभु ने भेजा सेवा के लिए,पहले छोटे ने दूध पिया, फिर छोटे ने बड़े को पीने का इशारा किया।
ये एक मार्मिक दृश्य हैं, जिसे देख कर मन भर गया।
आप दोनों वानरों के भाव को अनुभव कर सकते हैं।

18/07/2023

Ye hamare nawab sahab hai kya aap sabke pets bhi nawab hai ya hamare vala kuch alag hai

देवता को छोटी उपाधि सिर्फ़ छोटी सोच के लोग देते हैकिसी भूखे कुत्ते को भोजन खिलाने वाला तो भगवान स्वरूप है और नीच सोच के ...
03/07/2023

देवता को छोटी उपाधि सिर्फ़ छोटी सोच के लोग देते है

किसी भूखे कुत्ते को भोजन खिलाने वाला तो भगवान स्वरूप है और नीच सोच के लोग ही देवता को Dog lover या dog feeder बोलेंगे!
इसीलिए अगली बार आपको कोई भी Dog lover बोलकर संबोधन करे तो आप उसकी सोच का आँकलन स्वयं कर लेना!

Bed Extension for Dogs
23/06/2023

Bed Extension for Dogs

भगवान जगन्नाथ के रथो का संक्षिप्त वर्णन 〰️〰️🌷〰️〰️🌷〰️〰️🌷〰️〰️🌷〰️〰️भगवान जगन्नाथ जी का रथ〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️1. रथ का नाम 👉...
20/06/2023

भगवान जगन्नाथ के रथो का संक्षिप्त वर्णन
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भगवान जगन्नाथ जी का रथ
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1. रथ का नाम 👉 नंदीघोष
2. कुल काष्ठ की संख्या 👉 832
3. कुल चक्के 👉 16
4.रथ की ऊंचाई 👉45 फीट
5. रथ की लम्बाई चौड़ाई 👉 34 फीट 6 इंच
6.सारथि 👉 दारुक
7. रथ का रक्षक 👉 गरुड़
8.रस्से का नाम 👉 शंखचूड नागुनी
9. पताका का रंग 👉 त्रै लोक्य मोहिनी
10. रथ के घोड़ों का नाम 👉 वराह, गोवर्धन, कृष्णा, गोपीकृष्ण, न्रसिंह, राम, नारायण, त्रिविक्रम, हनुमान,रूद्र।

बलदेव जी का रथ
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1.रथ का नाम 👉 ताल ध्वज
2.कुलकाष्ठ संख्या 👉 763
3.कुल चक्के 👉 14
4. रथ की ऊंचाई 👉 44 फीट
5. रथ की लम्बाई चौड़ाई 👉 33 फीट
6. सारथि 👉 मातली
7.रथ के रक्षक 👉 वासुदेव
8. रस्से का नाम 👉 बासुकी नाग
9.पताका का रंग 👉 उन्नानी
10.रथ के घोड़ों के नाम👉 तीव्र ,घोर, दीर्घाश्रम, स्वर्ण नाभ ।।

सुभद्रा जी का रथ
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1. रथ का नाम 👉 देव दलन
2. कुल काष्ठ 👉 593
3. कुल चक्के 👉 16
4.रथ की ऊंचाई 👉 45 फीट
5. रथ की लम्बाई चौड़ाई 👉 31 फीट 6 इंच।
6. सारथि 👉 अर्जुन
7. रथ के रक्षक 👉 जय दुर्गा
8. रस्से का नाम 👉 स्वर्ण चूड नागुनी
9. पताका का रंग 👉 नन्द अम्बिका
10. रथ के घोड़ों के नाम 👉 रुचिका, मोचिका, जीत, अपराजिता ।।
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भगवान जगन्नाथ के महाप्रसाद की कथा〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️अधिकांशतः लोग सोचते हैं कि भगवान का महाप्रसाद सदा सदा से इस संस...
20/06/2023

भगवान जगन्नाथ के महाप्रसाद की कथा
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अधिकांशतः लोग सोचते हैं कि भगवान का महाप्रसाद सदा सदा से इस संसार में मिलता आया है। परन्तु नीचे वर्णित लीला से पहले भगवान विष्णु का महाप्रसाद इस भौतिक संसार में उपलब्ध नहीं था , शिवजी तथा नारदमुनी जैसे ऋषियों के लिए भी नहीं। फिर कैसे महाप्रसाद इस संसार में आया ? इस सम्बन्ध में चैतन्य मंगल में एक कथा आती है।

एक दिन कैलाश पर्वत पर नारदमुनी की भेंट शिवजी से हुई। नारद मुनि उन्हें भगवान श्री कृष्ण और उद्धव के बीच वार्तालाप का वर्णन करने लगे। इस चर्चा में उद्धव भगवान के महाप्रसाद की महिमा गान करते हुए कहते हैं –

“ हे भगवन! आपकी महाप्रसादी माला, सुगन्धित तेल , वस्त्रों और आभूषणों और आपके उच्छिष्ठ भोजन की स्वीकार करने से आपके भक्त आपकी मायाशक्ति पर विजय प्राप्त कर लेते है। “

“ हे कैलाशपति !” नारदमुनी ने आगे कहना जारी रखा , “ यह सुनकर मेरे ह्रदय में भगवान् विष्णु का महाप्रसाद चखने की तीव्र उत्कंठा जागृत हुई है। इस आशा से मैं वैकुण्ठ गया और जी जान से माता लक्ष्मी की सेवा करने लगा। बारह वर्षों तक सेवा करने के पश्चात् एक दिन लक्ष्मी जी ने मुझसे पुछा, ‘ नारद ! मै तुम्हारी सेवा से अत्यंत प्रसन्न हूँ। तुम मनचाहा वर मांग सकते हो। “

नारदजी ने हाथ जोड़कर कहा, “ हे माता ! चिरकाल से मेरा ह्रदय एक बात को लेकर पीड़ित है। मैंने आजतक कभी भगवान नारायण के महाप्रसाद का अस्वादन नहीं किया है। कृपया मेरी यह अभिलाषा पूरी कर दीजिये।“

लक्ष्मी देवी दुविधा में पड़ गई। “ लेकिन नारद , मेरे स्वामी ने मुझे कठोर निर्देश दिए है कि उनका महाप्रसाद किसी को भी न दिया जाए। मैं उनकी आज्ञा का उल्लंघन कैसे कर सकती हूं। परन्तु तुम्हारे लिए मैं अवश्य कुछ व्यवस्था करूंगी। “

कुछ समय पश्चात् लक्ष्मी देवी ने भगवान नारायण से अपने ह्रदय की बात कही की कैसे उन्होंने गलती से नारदमुनी को भगवान का महाप्रसाद देने का वचन दे दिया है। भगवान् नारायण ने कहा, “ हे प्रिये! तुम्हे बड़ी भरी गलती की है। परन्तु अब क्या किया जा सकता है। तुम नारदमुनी को मेरा महाप्रसाद दे सकती हो , परन्तु मेरी अनुपस्थिति में। “(इसीलिए भक्तों को भी प्रसाद कभी भी अर्चा विग्रह के सामने बैठकर ग्रहण नहीं करना चाहिए)"

नारदमुनी ने आगे कहा, “ हे महादेव , आप विश्वास नहीं करेंगे , महाप्रसाद के मात्र स्पर्श से मेरा तेज और अध्यात्मिक शक्ति सौ गुना बढ़ गईं। मैं दिव्य भाव का अनुभव करने लगा और सुनाने यहाँ आया हूँ । ”

“ हे नारद ! निश्चित ही तुम्हारा तेज अलौकिक है परन्तु तुमने ऐसे दुर्लभ महाप्रसाद का एक कण भी मेरे लिए नहीं रखा।

लज्जित होकर नारद मुनी ने अपना सर झुका लिया परन्तु अभी उन्हें स्मरण हुआ की उनके पास अभी भी थोडा महाप्रसाद बचा हुआ है। उन्होंने तुरंत उसे महादेव को दिया जिसे उन्होंने अत्यंत सम्मानपूर्वक स्वीकार कर लिया।

उसे लेते ही शिवजी कृष्ण प्रेम में मदोंन्मत होकर नृत्य करने लगे। उनकी थिरकन से पृथ्वी कम्पायमान होने लगी और सम्पूर्ण ब्रम्हांड में खतरा महसूस किया जाने लगा तब भयभीत होकर माता पृथ्वी देवी पार्वती से महादेव को शांत करने का निवेदन करती हैं। जैसे तैसे माता पार्वती ने शिवजी को शांत किया और फिर उनसे इस उन्मत नृत्य करने का कारण जानना चाहा तो शिवजी ने कहा – देवी मेरे सौभाग्य की बात सुनो और सारा वृतांत सुना दिया और अंत में बोले आज भगवान का महाप्रसाद प्राप्त करके मैं उन्मत हो गया यही मेरे असामान्य भाव और तेज का कारण है। तभी माता पर्वती क्रुद्ध हो गईं और बोली – स्वामी आपको महाप्रसाद मुझे भी देना चाहिए था क्या आप नहीं जानते मेरा नाम वैष्णवी है आज मैं प्रतिज्ञा लेती हूं कि यदि भगवान नारायण मुझ पर अपनी करुणा दिखायेंगे तो मैं प्रयास करुँगी की उनका महाप्रसाद ब्रम्हांड के प्रत्येक व्यक्ति, देवता और यहां तक की कुत्तों बिल्लियों को भी प्राप्त होगा।

आश्चर्य जनक रूप से उसी क्षण भगवान विष्णु माता पर्वती के वचन की रक्षा हेतु वहां तत्क्षण प्रकट हुए और बोले – “ हे देवी पर्वती ! तुम सदैव मेरी भक्ति में संलग्न रहती हो। उमा और महादेव मेरे शरीर से अभिन्न हो। मैं तुम्हें वचन देता हु की मैं स्वयं तुम्हारी प्रतिज्ञा को पूर्ण करूँगा और पुरुषोत्तम क्षेत्र जगन्नाथ पुरी में प्रकट होऊंगा और ब्रम्हांड में प्रत्येक जीव को अपना महाप्रसाद प्रदान करूंगा।
आज भी जगन्नाथ पुरी में भगवान जगन्नाथ को भोग लगाने के पश्चात सर्व प्रथम प्रसाद विमलादेवी(माता पार्वती ) के मंदिर में अर्पित किया जाता है।
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प्रसिद्ध जगन्नाथ की मूर्ति क्यों रह गयी अधूरी? 〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️जगन्नाथ की पुरी भारत में ही नहीं बल्कि दुनिय...
20/06/2023

प्रसिद्ध जगन्नाथ की मूर्ति क्यों रह गयी अधूरी?
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जगन्नाथ की पुरी भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में प्रसिद्ध है। उड़िसा प्रांत के पुरी में स्थित श्री जगन्नाथ का मंदिर श्री कृष्ण भक्तों की आस्था का केंद्र ही नहीं बल्कि वास्तुकला का भी बेजोड़ नमुना है। इसकी बनावट के कुछ राज तो आज भी राज ही हैं जिनका भेद इंजिनयरिंग
के क्षेत्र में बड़ी-बड़ी डिग्रियां लेने वाले भी नहीं कर पायें हैं। आज हम आपको बताने जा रहे है की आखिर इस मंदिर में स्थापित भगवान जगन्नाथ की मूर्ति क्यों अधूरी है तथा इसके पीछे का क्या रहस्य है,,,

*इस कारण है मूर्तियां अधूरी*
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कहा जाता है कि भगवान जगत के स्वामी जगन्नाथ भगवान श्री विष्णु की इंद्रनील या कहें नीलमणि से बनी मूर्ति एक अगरु वृक्ष के नीचे मिली थी। मूर्ति की भव्यता को देखकर धर्म ने इसे पृथ्वी के नीचे छुपा दिया। मान्यता है कि मालवा नरेश इंद्रद्युम्न जो कि भगवान विष्णु के कड़े भक्त थे उन्हें स्वयं श्री हरि ने सपने में दर्शन दिये और कहा कि पुरी के समुद्र
तट पर तुम्हें एक दारु (लकड़ी) का लठ्ठा मिलेगा उस से मूर्ति का निर्माण कराओ। राजा जब तट पर पंहुचे तो उन्हें लकड़ी का लट्ठा मिल गया। अब उनके सामने
यह प्रश्न था कि मूर्ति किनसे बनवाये। कहा जाता है कि भगवान विष्णु स्वयं श्री विश्वकर्मा के साथ एक वृद्ध मूर्तिकार के रुप में प्रकट हुए।

उन्होंनें कहा कि वे एक महीने के अंदर मूर्तियों का निर्माण कर देंगें लेकिन उस कारीगर रूप में आये बूढे ब्राह्मण ने राजा के सामने एक शर्त रखी कि वह यह कार्य बंद कमरे में एक रात में ही करेगा और यदि कमरा खुला तो वह काम बीच में
ही छोड़कर चला जाएगा। राजा ने उस ब्राह्मण की शर्त मान ली और कमरा बाहर से बंद करवा दिया। लेकिन काम की समीक्षा करने के लिए राजा कमरे के आसपास घुमने जरुर आता था। महीने का आखिरी दिन था, कमरे से भी कई दिन से कोई आवाज़ नहीं आ रही थी, तो राजा को जिज्ञासा हुई और उनसे रहा न गया और अंदर झांककर देखने लगे और दरवाजा खुलते ही वह ब्राह्मण उस अधूरी मूर्तियों को छोड़ कर गायब हो गया।
वास्तव में वह बूढा ब्राह्मण विश्वकर्माजी थे, जो भगवान विष्णु के आग्रह पर यह जगन्नाथ मंदिर में कृष्णा, बलराम और सुभद्रा की मूर्तियाँ बनाने धरती पर आये थे। राजा को अपने कृत्य पर बहुत पश्चाताप हुआ और वृद्ध से माफी भी मांगी लेकिन उन्होंने कहा कि यही दैव की मर्जी है। तब उसी अवस्था में मूर्तियां स्थापित की गई। आज भी भगवान जगन्नाथ, बलभद्र एवं सुभद्रा की मूर्तियां उसी अवस्था में हैं।
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🌺क्या आपने इन्हें कही देखा?🌺दो दिन से गली से ग़ायब हो गए इस को ढूँढने में मदद कीजिए।सम्पर्क करे 9971817864दिल्ली वाले
09/06/2023

🌺क्या आपने इन्हें कही देखा?🌺

दो दिन से गली से ग़ायब हो गए इस को ढूँढने में मदद कीजिए।
सम्पर्क करे 9971817864
दिल्ली वाले

06/06/2023

एक भूख की कीमत किसी जीव का जीवन नहीं हो सकता 😞 इस वीडियो में जानवर कोन हैं

29/05/2023

इस घटना को जिओ सिनेमा पर उपलब्ध इंस्पेक्टर अविनाश सीरीज में दिखाया गया है।

श्री हनुमान गढ़ी मंदिर अयोध्या, साल 1998 का एक अघोषित दिन, मंदिर परिसर में लगे ठंडे पानी की मशीन के पास बैठा एक छोटा सा वानर मुंह में दो बिजली के तारों को लिए चबाए जा रहा था, मानों कोई फल हो।

पूरा मंदिर खाली करा लिया गया था, एक-एक श्रद्धालु और एक-एक दर्शनार्थी को केवल पुलिस बल और बम निरोधक दस्ता वहां उस समय हनुमान गढ़ी मंदिर के भीतर था और वे सभी के सभी उस छोटे से वानर को बिजली का तार चबाते हुए देख रहे थे।

सवाल है कि मंदिर पूरा खाली क्यों था और पुलिस के साथ में बम निरोधक दस्ता वहां क्या कर रहा था? इसे थोड़े से में बता रहा हूं क्योंकि 1998 में घटी ये सत्य घटना आज तक किसी अखबार या न्यूज चैनल में दिखाई नही गई है, अयोध्या के अति संवेदनशील होने के कारण।

साल 1998 में करीब बीस किलो आरडीएक्स अयोध्या में आने की खबर उत्तरप्रदेश की एसटीएफ यानी विशेष पुलिस दस्ते को लगी थी, जिसमे से अधिकांशतः आरडीएक्स को समय रहते पुलिस की मुस्तैदी से जब्त कर लिया गया और अयोध्या में किसी प्रकार का धमाका नही हुआ।

परंतु एक आतंकी बम निरोधक दस्ते का भेष बनाकर अयोध्या के सबसे प्राचीन हनुमान गढ़ी मंदिर में घुस गया और उसने टाइमर सेट करके वहां ठंडे पानी की मशीन में बम लगा दिया।

जब तक पुलिस ने उसे बाहर भागते समय पकड़ा और पूछताछ शुरू की तब तक केवल एक मिनट का समय शेष रह गया था मंदिर में बम के विस्फोट के लिए, ऐसा उस आतंकी ने स्वयं बताया था।

आनन-फानन में पूरा का पूरा पुलिस बल जिसका नेतृत्व इंस्पेक्टर अविनाश मिश्रा कर रहे थे, मंदिर में घुसे और वो टाइम बम को खोजने लगे, मंदिर का हर एक कोना हर एक गलियारा छान मारा पर बम जैसा कुछ भी किसी को दिखाई नही दे रहा था की तभी सबने देखा।

मंदिर के प्रांगण में बने ठंडे पानी की मशीन के पास एक छोटा वानर बैठकर अपने हाथों में दो तार लिए उनसे खेल रहा था और मुंह में लेकर चबाए जा रहा था, जैसे कुछ काट रहा हो, पुलिस को अंदेशा हो गया की हो ना हो इसी मशीन में बम फिट किया गया है, उन्होंने उस वानर के मुंह से तार छुड़ाने के लिए केले उसकी ओर फेंके।

केले जैसे ही उस वानर की ओर फेंके गए वैसे ही वो तार छोड़कर बिना केले लिए वहां से उतरकर चला गया या यूं कहूं लुप्त हो गया, तुरंत ही बम निरोधक दस्ता वहां बुलवाया गया और जैसे ही मशीन खोली गई, उसमे से एक टाइमर सेट किया गया बम पाया गया।

"सर इस बम को तो डिफ्यूज (नष्ट) किया जा चुका है, ये देखिए टाइमर 3 सेकेंड पर रुक चुका है, उस छोटे से बंदर ने तार काटकर बम को फटने से रोक दिया है"

बड़े उत्साह के साथ बम निरोधक दस्ते के उस सिपाही ने सूचना दी और कुछ ही देर में सारे पुलिस बल ने हनुमान गढ़ी मंदिर के शिखर पर वही छोटे से वानर को देखा, जो शिखर के कलश को सहला रहा था।

आप ही बताइए वो छोटा सा वानर था या फिर भक्त प्रवर श्री हनुमान जी महाराज संसार से कुछ कह रहे थे। *निश्चित ही वो हनुमान थे और वो ये डंके की चोट पर सारे संसार को बता रहे थे कि अवध मेरे प्रभु श्रीराम की है और इसकी ओर जब-जब संकट आएगा तब-तब एक वानर आकर इस अवध की रक्षा करेगा।*

अपने प्रभु की परम प्रिय नगरी पर आंच भी नही आने देगा।

🌺आपकी सोच आपकी आत्मा दर्शाती है।🌺इंसान को आँकना हो तो उसका व्यवहार पेड़ पौधे और जानवर के प्रति उसके नज़रिए से आंक लीजिए।
23/05/2023

🌺आपकी सोच आपकी आत्मा दर्शाती है।🌺

इंसान को आँकना हो तो उसका व्यवहार पेड़ पौधे और जानवर के प्रति उसके नज़रिए से आंक लीजिए।

अगली बार जब आप चूहे पकड़ने का ग्लू लेने जाए तो इसे जरूर देखें, क्या कुछ बिगाडा होगा इसने आपका?ग्लू में लिपटकर इस बेजुबान ...
23/05/2023

अगली बार जब आप चूहे पकड़ने का ग्लू लेने जाए तो इसे जरूर देखें, क्या कुछ बिगाडा होगा इसने आपका?ग्लू में लिपटकर इस बेजुबान की चमड़ी ही उधड़ गयी,जीवन जीने की कोशिश में हर पल ये जीव तड़पा, कुछ पल के लिए अपने आप को ऐसे किसी दलदल में फंसा महसूस कीजिये, और जब निकलने का प्रयास करो तो चमड़ी शरीर से अलग होती जाए, इस पीड़ा की कल्पना मात्र ही इंसानों के रोंगटे खड़े करने के लिए काफी है मगर लोग इस बेजुबान की पीड़ा कब समझेंगे,
अगर चूहे आपके घरों में आ रहे हैं तो वो गली,रस्ता,दरार रोकिए, कोई पिंजरा रखिये,इन्हें पकड़कर बाहर घर से दूर छोड़ दीजिए,लेकिन भगवान के लिए ऐसी सजा किसी बेजुबान को ना दे।
कुछ तो दया अपने अंदर जीवित रखें🙏

इसे क्या मालूमये भारतीय होकर भारत के नागरिकों द्वारा मारा पीटा जाएगा, पत्थर खाएगा, प्यासा व्याकुल होकर भटकेगा और भारत के...
12/05/2023

इसे क्या मालूम

ये भारतीय होकर भारत के नागरिकों द्वारा मारा पीटा जाएगा, पत्थर खाएगा, प्यासा व्याकुल होकर भटकेगा और भारत के नागरिकों के बीच इतना कठोर जीवन जियेगा जिसकी इसने कल्पना भी नहीं करी होगी।
ऊपर जाएगा तो भगवान को ये यही बोलेगा की नरक का जीवन तो मैंने धरती पर काट ही लिया, अब भगवान की नरक भी उस जीवन के सामने कमजोर रहेगी।
बेज़ुबानो के साथ दुर्व्यवहार करना छोड़ दीजिये देश वालों और जो भी कुत्ता काटने को मुद्दा बनाकर आपके सामने नेतागिरी करने आये उसको बोलिए की पहले अपनी गली के कुत्तो को भोजन पानी उपचार और नसबंदी करवाये फिर ही उसे कोई भी मंच पर बैठने दिया जाये।

11/05/2023

मार्केट में नए पंडित जी आ चुके हैं 😂 😁✌️💕👌

Prettiest thing ever !🥰😊
10/05/2023

Prettiest thing ever !🥰😊

08/05/2023

केदारनाथ मैं होटल वालो ने लुटने का काम किया है

06/05/2023

No value for Animal Life. Because of current 2 horse died. No one helped. Utter shameful.

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