Dayoday Pashu Sewa Sadan Goushala Mandla

Dayoday Pashu Sewa Sadan Goushala Mandla दयोदय पशु सेवा सदन गौशाला मंडला म.प्र. पता :- दयोदय पशु सदन गौशाला डिंडोरी रोड आमानाला मंडला मध्यप्रदेश - भारत

09/04/2024

*💥देखो देखो कौन आया*
*💥जिनशासन का सूर्य आया*

महागुरु आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महाराज के परम शिष्य

*🌟समय शिरोमणि नवाचार्य श्री समय सागर जी महाराज के भव्य अतिभव्य आगवानी कुंडलपुर में होने जा रही है*

*जहां दोनों ओर शताधिक साधु साध्वी है*

*🎊कुंडलपुर में आज भक्तों का इतना सैलाब है कि चारों ओर मेला लगा हुआ है*
*हजारों हजार वाहनों का काफिला लगा हुआ है*

*🔥ऐसा लगा रहा है पुनः हमारे श्रद्धा के देवता गुरुदेव श्री विद्यासागर जी महाराज की आगवानी कुंडलपुर में हो रही हो*

☀️मानो हर भक्तों के हाथों की तकती कह रही है

*विद्या के सागर - समय सागर*

17/03/2024

जिसको भी डॉ. ने घुटने का कमर का ऑपरेशन बोल दिया हो
तो बिल्कुल ना कराये
मुझसे संपर्क करे
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निःशुल्क
स्थान: श्री विद्यापूर्ण औषधालय आचार्य विद्यासागर ज्ञानपीठ मालथौन जिला सागर
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🙏महत्व पूर्ण सूचना शुगर के मरीज के लिए🙏
कृपया शुगर के मरीज हम से कॉन्टैक्ट करे कितना भी भारी शुगर हो,हमारी दवा 7 दिन में 1 बार लेनी हैं और जिनको 275 से ज्यादा है उनको 1 महीने तक सात दिन में 2 बार लेनी है। महीने के बाद फिर 7 दिन में 1बार लेनी है, यह दवाई सम्पूर्ण जैन विधि से बनाई जाती है और जैन साधु भगवन्त भी हमारी दवा ले सकते है। हमारी दवाई का कोई साइड इफेक्ट नही हैं। हमारी दवाई से शुगर के आड़ असर कम हो जाते है इससे एलोपेथी दवा बंद हो जाती है,इन्सुलिन लेना बंद हो जाता हैं कोई भी ज़ख्म हो जल्दी अच्छे हो जाते है।
,(💐जैन साधु भगवंतों को कोई भी समुदाय हो फ्री दी जाती है💐) paytm . और वाट्स एप नो.9869145453

(गिरीश कुमार रतन चंदजी जैन ,तखतगढ़ वाले)
मुम्बई11🙏दूसरे ग्रुप मैं भेजने की कृपा करें🙏जय जिनेन्द्र🙏

मानव सेवा सबसे बड़ी सेवा है और साधर्मिक भक्ति से बड़ी कोई भक्ति नही है।
आप इस पोस्ट को आगे भेजे यह भी मानव सेवा है।🌹
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इस पोस्ट को कम से कम 10 लोगों को कृपा करके आगे फॉरवर्ड करे🙏

*भादवे का घी* भारतीय देसी गाय का घी.. भाद्रपद मास आते आते घास पक जाती है।जिसे हम घास कहते हैं, वह वास्तव में अत्यंत दुर्...
02/03/2024

*भादवे का घी*
भारतीय देसी गाय का घी..
भाद्रपद मास आते आते घास पक जाती है।
जिसे हम घास कहते हैं, वह वास्तव में अत्यंत दुर्लभ औषधियाँ हैं।
इनमें धामन जो कि गायों को अति प्रिय होता है, खेतों और मार्गों के किनारे उगा हुआ साफ सुथरा, ताकतवर चारा होता है।
सेवण एक और घास है जो गुच्छों के रूप में होता है। इसी प्रकार गंठिया भी एक ठोस खड़ है। मुरट, भूरट,बेकर, कण्टी, ग्रामणा, मखणी, कूरी, झेर्णीया,सनावड़ी, चिड़की का खेत, हाडे का खेत, लम्प, आदि वनस्पतियां इन दिनों पक कर लहलहाने लगती हैं।
यदि समय पर वर्षा हुई है तो पड़त भूमि पर रोहिणी नक्षत्र की तप्त से संतृप्त उर्वरकों से ये घास ऐसे बढ़ती है मानो कोई विस्फोट हो रहा है।
इनमें विचरण करती गायें, पूंछ हिलाकर चरती रहती हैं। उनके सहारे सहारे सफेद बगुले भी इतराते हुए चलते हैं। यह बड़ा ही स्वर्गिक दृश्य होता है।
इन जड़ी बूटियों पर जब दो शुक्ल पक्ष गुजर जाते हैं तो चंद्रमा का अमृत इनमें समा जाता है। आश्चर्यजनक रूप से इनकी गुणवत्ता बहुत बढ़ जाती है।
कम से कम 2 कोस चलकर, घूमते हुए गायें इन्हें चरकर, शाम को आकर बैठ जाती है।
रात भर जुगाली करती हैं।
अमृत रस को अपने दुग्ध में परिवर्तित करती हैं।
यह दूध भी अत्यंत गुणकारी होता है।
इससे बने दही को जब मथा जाता है तो पीलापन लिए नवनीत निकलता है।
5से 7 दिनों में एकत्र मक्खन को गर्म करके, घी बनाया जाता है।
इसे ही #भादवे_का_घी कहते हैं।
इसमें अतिशय पीलापन होता है। ढक्कन खोलते ही 100 मीटर दूर तक इसकी मादक सुगन्ध हवा में तैरने लगती है।
बस,,,, मरे हुए को जिंदा करने के अतिरिक्त, यह सब कुछ कर सकता है।
ज्यादा है तो खा लो, कम है तो नाक में चुपड़ लो। हाथों में लगा है तो चेहरे पर मल दो। बालों में लगा लो।
दूध में डालकर पी जाओ।
सब्जी या चूरमे के साथ जीम लो।
बुजुर्ग है तो घुटनों और तलुओं पर मालिश कर लो। गर्भवतियों के खाने का मुख्य अवयव यही था।
इसमें अलग से कुछ भी नहीं मिलाना। सारी औषधियों का सर्वोत्तम सत्व तो आ गया!!
इस घी से हवन, देवपूजन और श्राद्ध करने से अखिल पर्यावरण, देवता और पितर तृप्त हो जाते हैं।
कभी सारे मारवाड़ में इस घी की धाक थी।
कहते है कि इसका सेवन करने वाली विश्नोई महिला 5 वर्ष के उग्र सांड की पिछली टांग पकड़ लेती और वह चूं भी नहीं कर पाता था।
एक और घटना में एक व्यक्ति ने एक रुपये के सिक्के को मात्र उँगुली और अंगूठे से मोड़कर दोहरा कर दिया था!!
आधुनिक विज्ञान तो घी को वसा के रूप में परिभाषित करता है। उसे भैंस का घी भी वैसा ही नजर आता है। वनस्पति घी, डालडा और चर्बी में भी अंतर नहीं पता उसे।
लेकिन पारखी लोग तो यह तक पता कर देते थे कि यह फलां गाय का घी है!!
यही वह घी था जिसके कारण युवा जोड़े दिन भर कठोर परिश्रम करने के बाद भी बिलकुल नहीं थकते थे.......
इसमें इतनी ताकत रहती थी, जिससे सर कटने पर भी धड़ लड़ते रहते थे!!
इसे घड़ों में या घोड़े के चर्म से बने विशाल मर्तबानों में इकट्ठा किया जाता था जिन्हें "दबी" कहते थे।
घी की गुणवत्ता तब और बढ़ जाती, यदि गाय पैदल चलते हुए स्वयं गौचर में चरती थी, तालाब का पानी पीती, जिसमें प्रचुर विटामिन डी होता है और मिट्टी के बर्तनों में बिलौना किया जाता हो।
वही गायें, वही भादवा और वही घास,,,, आज भी है। इस महान रहस्य को जानते हुए भी यदि यह व्यवस्था भंग हो गई तो किसे दोष दें?
जब गाय नहीं होगी,,,
तब घी कहां होगा,,,,
विचारणीय 🙏🙏

25/02/2024
21/02/2024

#विशेष सूचना.....

90के दशक में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त तांत्रिक चंद्रा स्वामी  ,आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी महाराज के पास ...
21/02/2024

90के दशक में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त तांत्रिक चंद्रा स्वामी ,आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी महाराज के पास मिलने के लिए गए ।बो आचार्य श्री के कक्ष में आधे घंटे तक बैठे रहे जब बो तांत्रिक महोदय कक्ष से बाहर आये तो लोगों ने उनसे उनका अनुभव जानना चाहा तो तांत्रिक ने बताया कि हम तांत्रिक लोग एकाध शक्ति को वस में करके अपनी ताकत पर इतराते हैं लेकिन आचार्य श्री के आस-पास ऐसी सैकड़ों शक्तियां मङराती रहतीं है और आचार्य श्री उनकी तरफ कभी निगाह उठा कर भी नहीं देखते हैं । आचार्य श्री के कठोर तप से उनके आसपास अतिशय प्रकट होते रहे हैं लेकिन आचार्य श्री ने उनको कभी महत्व नही दिया ।

21/02/2024

#90के दशक में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त तांत्रिक चंद्रा स्वामी ,आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी महाराज के पास मिलने के लिए गए ।बो आचार्य श्री के कक्ष में आधे घंटे तक बैठे रहे जब बो तांत्रिक महोदय कक्ष से बाहर आये तो लोगों ने उनसे उनका अनुभव जानना चाहा तो तांत्रिक ने बताया कि हम तांत्रिक लोग एकाध शक्ति को वस में करके अपनी ताकत पर इतराते हैं लेकिन आचार्य श्री के आस-पास ऐसी सैकड़ों शक्तियां मङराती रहतीं है और आचार्य श्री उनकी तरफ कभी निगाह उठा कर भी नहीं देखते हैं । आचार्य श्री के कठोर तप से उनके आसपास अतिशय प्रकट होते रहे हैं लेकिन आचार्य श्री ने उनको कभी महत्व नही दिया ।

21/02/2024

#आचार्य श्री जी का आदेश सर आन्खो पर....

एक युग का अंत मौन के भी अश्रु निकले 🙏ॐ नमो सिधेभ्यः🙏🙏नमोस्तु भगवान🙏.. *💐😭समाधि सूचना💐**जब आप की आंख खुलेगी, जब आप जागोगे...
17/02/2024

एक युग का अंत
मौन के भी अश्रु निकले
🙏ॐ नमो सिधेभ्यः🙏
🙏नमोस्तु भगवान🙏..
*💐😭समाधि सूचना💐*
*जब आप की आंख खुलेगी, जब आप जागोगे तब तक जिन धर्म का पताका थामे एक सच्चा संत हमेशा के लिये सो चुका होगा और आप विश्वास नही कर पायेंगे*
*😢😭😭😭😭😭😭😭😭अर्द्ध रात्रि की काली निशा में डूब गया "जिन सूर्य" अनाथ हो गया आज जन जन..वो दृश्य जो हम कभी देखना तो छोड़ो कभी सोचते भी न थे...लिखते हुये भी हाथ कांप रहे, है..आँखे धार बहा रही है,दिल ये सत्य स्वीकार ने को तैयार नही...😢😢😢😢😢😭😢😭💐💐*
*समाधि सूचना*
🙏
इस घरती के चलते फिरते भगवान हमारे माता पिता *जन-जन के हृदय में विराजित चलते-फिरते तीर्थ प्रातः स्मरणीयसंत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज* 🥲🥲🤧
*🙏💐💐💐💐*

 #जीव की सेवा के लिए ब्रीड की नहीं, बड़े मन की जरुरत होती है -
07/02/2024

#जीव की सेवा के लिए ब्रीड की नहीं, बड़े मन की जरुरत होती है -

21/01/2024

#जय श्रीराम

18/01/2024

#पीकू और मैत्री की मस्ती.....

Send a message to learn more

30/06/2023

#सिद्धचक्र महामंडल विधान की झलकियाँ......

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